Bermo : आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पारसनाथ पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को छलावा करार दिया है. मुर्मू ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारसनाथ मरांग बुरू को ‘हमारा था, हमारा है और हमेशा रहेगा’ ही कहा है. यह उनकी ख़ातियानी झुनझुना की तरह एक और बड़ा झूठ साबित होगा.
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने मरांग बुरू को बचाने की जगह जैनियों को बेचने का काम किया है. क्या वे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के फैसले का विरोध कर सकेंगे? जब तक केंद्र और झारखंड सरकार मरांग बुरु पर आदिवासियों के प्रथम दावेदारी को लिखित रूप में अधिसूचित नहीं करेंगे, सेंगेल का राष्ट्रव्यापी मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा आंदोलन जारी रहेगा.
देवनारायण मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अनुसार केंद्र और झारखंड सरकार के फैसलों के अनुरूप जैन स्थल सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा. यह पर्यटन केंद्र नहीं बनेगा. आयोग के अध्यक्ष इकबाल लालपुरा के अनुसार पारसनाथ पहाड़ जैनियों का तीर्थ स्थल ही रहेगा. तब वहां आदिवासियों के मरांग बुरू अर्थात ईश्वर और युग जाहेरथान (पूजा स्थल) का क्या होगा. क्या आदिवासियों का ईश्वर नहीं है. धर्म नहीं है. तीर्थ स्थल नहीं है. यह भारत के आदिवासियों के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र है, धार्मिक नरसंहार है. आयोग, केंद्र और झारखंड सरकार तीनों का फैसला आदिवासी अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी पर घातक हमला है. आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है. सेंगेल इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. करो या मरो की तर्ज पर लड़ेगा.
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