Bermo: विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति के तत्वाधान में बेरमो के जरीडीह बस्ती और लोधरबेडा के विस्थापितों की बैठक जरीडीह में 17 जनवरी क़ो रामेश्वर महतो की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक का संचालन धनेश्वर महतो ने किया. बैठक में समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों की लंबित मांगों पर 13 फरवरी से पहले सकारात्मक रुख अपनाएं. ऐसा नहीं होने पर 14 फरवरी से बेरमो कोयलांचल में अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया जाएगा.
बैठक में समिति के महासचिव काशीनाथ केवट ने सीसीएल प्रबंधन को झारखंड और पर्यावरण विरोधी बताया. उन्होने कहा कि कोनार परियोजना के लिए वन संपदा को नष्ट किया गया. घने जंगल, पक्षियों की गूंजती आवाज, झरना का निर्मल पानी, खेत-खलिहान सब उजड़ गए. समिति के संयुक्त सचिव सूरज महतो ने कहा कि विस्थापितों की एकता तोड़ने के लिए प्रबंधन अपने पोषित एजेंटों को विस्थापितों के गांवों में भेज रहा है. ऐसी स्थिति में विस्थापितों को अपने और पराए के बीच सीमा रेखा खींचना पड़ेगा. रामेश्वर महतो और प्रीतम महतो ने कहा कि कोलियरी में जमीन देने वाले विस्थापित सड़क पर धूल फांक रहे हैं, जिन्होंने एक इंच भी जमीन नहीं दी वैसे लोग मालिक बनकर बैठे हैं.
विस्थापित अपने व पराए के बीच खींचे सीमा रेखा
मौके पर प्रीतम महतो, तुलसी महतो, दीपक कुमार महतो, वीरेंद्र महतो, हरक लाल महतो, लौकी महतो, बासुदेव महतो, राजेंद्र महतो, विश्वनाथ महतो, नागेंद्र महतो, लालमोहन महतो, डेगलाल महतो, विशेश्वर महतो, मनोज महतो, आसमा देवी, मंगरी देवी, जीरवा देवी, फागुनी देवी, सेवा महतो, श्याम नारायण, भुनेश्वर प्रसाद, सुरेंद्र महतो,वीरेंद्र करमाली शामिल थे.
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