Bermo : झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक टाइगर जयराम महतो ने गोमिया प्रखंड के चर्चित झुमरा पहाड़ पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण ही संघर्ष के बदौलत हुआ है. इसलिए झारखंडी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए एक बार फिर लंबी लड़ाई की जरूरत है. जनसभा में हज़ारों की संख्या में जुटे लोग बारिश के बीच जयराम महतो का भाषण सुनते रहे. अपने अंदाज में जयराम महतो स्कोर्पियो गाड़ी के ऊपर चढ़े और रेन कोट पहन हिंदी खोरठा में भाषण दिये. उन्होंने कहा कि यह जन आंदोलन तभी सफल हो सकेगा, जब इस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी होगी. उन्होंने कहा कि जब देश में 1860 में बने कानून का आज भी पालन हो रहा है तो 1932 का कानून क्यों नहीं लागू होगा ? उन्होंने कहा कि झारखंड की भाषा और संस्कृति एक अनोखा मिसाल है. यहां की बोली, रहन-सहन, खान-पान, नाच गान, सामुदायिकता को परिलक्षित करती है, लेकिन बाहरी संस्कृति ने यहां की सभ्यता संस्कृति को नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां सीएनटी एक्ट लागू है, इसके बावजूद भी बाहर के लोगों ने यहां की जमीन खरीद बिक्री की. जो सरकारी पदाधिकारी हैं, उन्होंने ही संविधान में निहित कानून का उल्लंघन किया है. इसलिए कह सकते हैं कि जिन्होंने यहां की जमीन को बेचा, नौकरी को बेचा, वे नक्सली और अपराधी हैं. यहां की जनता तो कानून को मानने वाली है.
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बाहर के लोग यहां नौकरी कर रहे हैं- जयराम
वहीं उन्होंने कहा कि आपकी जमीन तेनुघाट और कोनार डैम में चली गई, जमीन के मालिक को नौकरी नहीं मिली. बाहर के लोग आकर यहां नौकरी कर रहे हैं. इसलिए अपनी जमीन बचानी है तो हर एक घर से एक युवा को इस आंदोलन में भागीदारी देनी होगी. नहीं तो जिस संघर्ष और बलिदान के बाद झारखंड का निर्माण हुआ है, उन शहीदों का बलिदान पैरों तले कुचल कर रह जाएगा. कार्यक्रम के दौरान मजबूल खान व संगीता कुमारी झारखंडी भाषा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. मौके पर समिति के श्रवण कुमार महतो, गंगाधर महतो, नवीन महतो, दिपक महतो, भुनेश्वर महतो, प्रमोद कुमार, कामेश्वर महतो, मोहन महतो, ईश्वर महतो, संदीप कुमार, राजू महतो सहित हज़ारों लोग मौजूद थे.
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