Bermo : झारखंड भाषा संघर्ष समिति ने 23 जनवरी को बोकारो व धनबाद जिले में भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ गोमिया चौक पर हेमंत सोरेन सरकार का पुतला फूंका. आंदोलनकारी पुतला दहन से पूर्व गोमिया बैंक मोड़ से पैदल मार्च करते हुए पोस्ट ऑफिस मोड़ पहुंचकर पुतला फूंका.
झारखंड का विभाजन भाषा व संस्कृति के आधार पर
झारखंड भाषा संघर्ष समिति के संयोजक व आदिवासी छात्र संघ के बोकारो अध्यक्ष प्रमोद मुर्मू ने कहा कि झारखंड का विभाजन भाषा व संस्कृति के आधार पर किया गया. झारखंड बने 21 साल हो चुके हैं. इसके बावजूद झारखंड की भाषा का विकास नहीं हो रहा है. हेमंत सरकार को फैसला वापस लेना पड़ेगा.
इमाम सफी एवं संतोष महतो ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार अविलंब 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करे तथा भोजपुरी व मगही भाषा को बोकारो व धनबाद जिले में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में शामिल करने के फैसले अविलंब वापस ले. फैसला वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा.
मौके पर कृष्णा महतो, भुवनेश्वर महतो, रामवृक्ष महतो, राजेंद्र बेसरा, शिवचंद्र मांझी, नरेश तुरी, नरेश महतो, राकेश कुमार, मनोहर रविदास, दीपक सोरेन, संझला मांझी, संदीप कुमार महतो, जितन पोरिया, जगेश्वर रविदास, सोहन हांसदा, तिलक राम महतो समेत अन्य शामिल थे.
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