Bermo: पुलिस के लिए सिरदर्द रहे माओवादी चिराग उर्फ प्रमोद की मौत हुए 5 साल गुजर चुके हैं, लेकिन चाईबासा पुलिस आज भी उसकी तलाश कर रही है. दरअसल बेरमो के नारायणुपर थाने की पुलिस चाईबासा कांड के सिलसिले में चिराग के घर खोजबीन करने पहुंच गयी. जब मृतक चिराग के परिजनों ने कहा कि उसकी मौत के 5 साल हो गए हैं तब पुलिस बैरंग वापस लौट गयी.
इस संबंध में नारायणुपर थाना की पुलिस ने बताया कि चाईबासा जिला के गुदड़ी थाना में वह वारंटी है. उस केस के सिलसिले में पुलिस उसकी तलाश में गए थे. जब चिराग के परिजनों ने उसकी मौत हो जाने की बात बताई तो वे लौट गए.
बता दें कि बिहार के जमुई जिला अंतर्गत चकाई के खिजुरवा पहाड़ पर दिसंबर 2015 में पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें चिराग मारा गया था. उसके मारे जाने के बाद बिहार और झारखंड के करीब 23 थानों की पुलिस उसकी लाश को सौंपने के लिए उसके घर पहुंची थी. आसपास का इलाका पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. लेकिन आज भी चाईबासा पुलिस एक मामलें में उसकी तलाश कर रही है.
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बता दें कि गुदड़ी थाना क्षेत्र में वर्ष 2011 के मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था. उसी समय चार माओवादी गिरफ्तार किये गये थे. इसमें चिराग का नाम सामने आया था. इस वजह से झारखंड के कई थानों में आज भी वह वांटेड है. इस मामले पर पीएसआई आशीष कुमार गौतम ने बताया कि 11 साल से नक्सली प्रमोद उर्फ चिराग की तलाश की जा रही है. आज स्पष्ट हुआ कि वह मुठभेड में मारा जा चुका है.
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