Bermo: सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के स्वांग-गोविंदपुर परियोजना के आउटसोर्सिंग मजदूरों ने गुरुवार को 23 मई से चक्का जाम आंदोलन करने का निर्णय लिया. यह निर्णय पीओ द्वारा वार्ता नहीं किये जाने के बाद लिया गया. दरअसल स्वांग-गोविंदपुर परियोजना के पीओ ने गुरुवार को वार्ता का समय दिया था. लेकिन उन्होंने वार्ता नहीं की. इससे वार्ता करने आये मज़दूरों ने 23 मई से आंदोलन करने का निर्णय लिया.
बता दें कि इसके पहले 16 मई को मज़दूरों ने परियोजना में आंदोलन शुरू की थी. तब परियोजना पदाधिकारी ने वार्ता करने का आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त कराया था. लेकिन जब मज़दूर स्वांग-गोविंदपुर परियोजना पहुंचे तो पीओ वार्ता से मुकर गए. मज़दूर नेता नरेश प्रजापति ने कहा कि स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में आउटसोर्सिंग कंपनी बीएलए के विरुद्ध आंदोलन करेंगे. कहा कि इस कंपनी के पहले इस परियोजना में वर्ष 2018 से 2021 तक आउटसोर्सिंग कंपनी चेन्नई राधा इंजीनियरिंग वर्कर्स (प्रा०) लिमिटेड कार्यरत था. उस दौरान इस परियोजना के विस्थापित एवं स्थानीय लगभग 80 मजदूर यहां कार्यरत थे. कार्यरत मज़दूरों में सुपरवाइजर, स्टोरकीपर, पोकलेन, डोजर, ओबी वाहन चालक, मेंन्टेनेंस मेकेनिक, मेंन्टेनेंस हेल्पर, ब्लास्टिंग मैन, सिक्युरिटी गार्ड, कांटा बाबू और डम्प मैन सहित अन्य कार्यो के दक्ष मज़दूर काम कर रहे थे. लेकिन पहले वाली कंपनी चेन्नई राधा की जगह पर एक दूसरी बीएलए नामक कंपनी को ठेका मिला है.
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उन्होंने कहा कि पुराने सभी मज़दूरों ने सीसीएल स्वांग-गोविन्दपुर फेज-दो के परियोजना पदाधिकारी को एक आवेदन पत्र 15 अप्रैल को दिया था. उन्होंने पुराने आउटसोर्सिंग मजदूरों को सर्वप्रथम नियोजन देने की मांग की थी. लेकिन मजदूरों से वार्ता किए बगैर आउटसोर्सिंग कंपनी बीएलए ने कार्य शुरू कर दिया. विवश होकर मज़दूर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं. इसके अलावा इस नए कंपनी ने बाहर से मजदूर लाकर कार्य शुरू कर दिया है. जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मौके पर सदाम हुसैन, ताहिर अंसारी, राधारमण सिंह, शरीफ अंसारी, शंकर महतो, दिनेश कुमार, जितेंद्र कुमार चौहान, सामुदेव महतो, रंजीत पाठक, शम्भु महतो, श्याम सुन्दर यादव, मिथलेश महतो, हेमन्त लाल प्रजापति और जागोलाल चौहान मौजूद थे.
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