Bermo: नक्सलियों का खौफ गोमिया के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में बरकरार है. इसका ताजा उदाहरण है मुकेश किस्कू की हत्या, जिसका शव उसके परिजनों को पहचानने में छह दिन लग गये. पुलिस ने शव की शिनाख्त कर नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. दरअसल 11 मार्च की रात को नक्सलियों ने बेरमो अनुमंडल के चतरोचट्टी थाना अंतर्गत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र ढोरी गांव के मुकेश किस्कू की हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया था. 14 मार्च को पुलिस ने उक्त युवक का शव जंगल से बरामद किया था. लेकिन नक्सलियों के डर के कारण मृतक के माता पिता ने अपने बेटे की पहचान नहीं की थी. यहां तक कि ग्रामीण भी सब कुछ जानते हुए अनजान बने रहे.
घटना की जानकारी मिलने पर राज्य के पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह ढोरी गांव पहुंचे. उन्होंने मृतक के माता पिता से मुलाकात की. मृतक के पिता रूपलाल मांझी ने बताया कि मुकेश उसका बेटा था. माधव लाल ने तत्काल उन्हें कुछ आर्थिक सहायता दी और सांत्वना दी. जानकारी के अनुसार यह 11 मार्च की रात की घटना है. थाना क्षेत्र के ढोरी गांव में एक शादी समारोह था. ग्रामीण और परिवार के लोग नाच गा रहे थे. उसी समय हथियारों से लैस नक्सलियों का एक दल वहां पहुंचा. उनहोंने मुकेश किस्कू को दबोच लिया. इसके बाद उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया. नक्सलियों के खौफ इतना था कि ग्रामीण सहित उसके माता पिता भी चुप्पी साधे रहे.
इसे भी पढ़ें- योगी 25 मार्च को लेंगे शपथ, मोदी समेत कई हस्तियां रहेंगी मौजूद, कई मायनों में खास होगा समारोह
पुलिस ने जंगल से युवक का शव बरामद किया था
घटना की सूचना मिलने पर 12 मार्च को पुलिस पहुंची और पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. जो जानकारी पुलिस के पास थी, उसी अनुमान पर उक्त युवक के माता पिता से भी पूछताछ की. लेकिन उन्होंने भी बताने से इंकार कर दिया. दो दिन बीतने के बाद पुलिस ने अपने सूत्रों से जानकारी इकठ्ठा की और सर्च अभियान के तहत जंगल से उक्त युवक का शव बरामद कर लिया. अब पुलिस के पास उक्त युवक की पहचान करने वाला कोई सामने नहीं आ रहा था. मृतक माता पिता ने भी उसकी पहचान नहीं की. बाद में चौकीदर के पहचान करने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया. फिर पुलिस ने नक्सलियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया.
इसे भी पढ़ें- 10 लाख का इनामी उग्रवादी भीखन गंझू समेत दो गिरफ्तार, 26 मामलों में फरार व NIA का है मोस्ट वांटेड