Bokaro: जिला के गोमिया प्रखण्ड में पिछले वर्ष पीएम आवास में गडबड़ी की शिकायत पर होसिर पश्चिमी पंचायत के मुखिया रामबृक्ष रविदास को निलंबित कर दिया गया है, मगर इसी मामले में दोषी होने के बावजूद भी आज तक पंचायत सचिव मदन रजक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. लिहाजा निलंबित मुखिया ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है.
क्या है मामला
गोमिया प्रखंड के होसिर पश्चिमी पंचायत में पिछले वर्ष पीएम आवास का एक वैसे लाभुक का चयन कर लिया गया जो पहले से ही लाभान्वित था. शिकायत मिलने पर जांच की गई, जो सच साबित हुई. इसके बाद उप विकास आयुक्त ने मुखिया रामवृक्ष रविदास को निलंबित कर दिया.
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मामले में कौन कौन है दोषी
जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने 26 अगस्त 2019 को एक बीडीओ गोमिया को एक पत्र देते हुए पंचायत सचिव मदन रजक को दोषी मानते हुए 4 लाख 29 हजार रूपये वसूल करने का आदेश दिया. इसके साथ ही राशि नहीं जमा करने पर उसके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है.
इस बारे में मुखिया ने क्या कहा
होसिर पश्चिमी पंचायत के मुखिया रामवृक्ष रविदास ने सीएम सहित अन्य पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जब पीएम आवास का चयन किया जा रहा था उस समय उन्होंने पत्थरी का ऑपरेशन कराया था और बेड रेस्ट पर था. उसी समय में प्रखंड के पंचायत सचिव एवं अन्य कर्मचारी उनके पास आये और फाइल पर हस्ताक्षर करा लिया. बाद में जब जांच हुई तो उक्त मामले का खुलासा हुआ. पंचायती राज के सहायक निदेशक दीपू कुमार ने भी बोकारो उपायुक्त से रामवृक्ष रविदास के निलंबन पर जानकारी मांगी है. उन्होंने यह भी कहा कि मुखिया द्वारा दिए गए अभ्यावेदन में कहा कि जब पीएम आवास का चयन किया गया था उस समय वे बीमार थे इसलिए इस मामले में वे दोषी नहीं हैं.
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पंचायत सचिव ने कहा
पंचायत सचिव मदन रजक ने कहा कि इस मामले में वे अकेले दोषी नही हैं, लिहाजा वसूली समानुपातिक रूप से हो.
बीडीओ ने क्या कहा
गोमिया बीडीओ कपिल कुमार ने कहा कि पंचायत सचिव मदन रजक को नजारत में पैसा जमा करने का आदेश दिया गया है. लेकिन अब तक वह पैसा जमा नहीं किया है.
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