Simdega : झारखंड हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनुभा रावत चौधरी शनिवार को सिमडेगा पहुंचीं. यहां उन्होंने सिविल कोर्ट के कार्यो का अवलोकन कर एडीजे मधुरेश वर्मा से वस्तुस्थिति की जानकारी ली. इसके बाद जस्टिस बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण करने पहुंचीं. कमरो की सफाई, बच्चों की दैनिक गतिविधि की जानकारी एवं उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. उन्होंने मूलभूत सुविधाओं सहित कमरों को सुसज्जित करने की बात कही. बच्चों को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए योगा टीचर रखने को कहा. गृह परिसर में अनुशासन का शत-प्रतिशत अनुपालन करने का निर्देश दिया.
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23 बच्चों को अलग-अलग बुलाकर काउंसिलिंग की
बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने, उनका कौशल विकास करने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण, स्मार्ट क्लास का संचालन कराने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति ने किशोर न्याय बोर्ड, रिक्रेशन रूम, स्मार्ट क्लास रूम, डायनिंग रूम इत्यादि भवनों का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि गृह के बच्चों को बेहतर परामर्श देने, उनके हाल-चाल की जानकारी लेने के लिए आनलाइन सुविधा को बेहतर बनाएं. बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्होंने अधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए. गृह के 23 बच्चों को अलग-अलग बुलाकर उनकी काउंसिलिंग की. उन्होंने गृह अधीक्षक को निर्देश दिया कि परिसर में पौधों का गमला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं. बच्चों को गमले के रख-रखाव की जिम्मेवारी सौंपें. ताकि बच्चों में जिम्मेवारी की भावना आए.
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डीसी ने कहा- मानव तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी
इस मौके पर डीसी सुशांत गौरव ने न्यायमूर्ति को बाल सम्प्रेक्षण गृह की मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में मानव तस्करी रोकने के लिए सभी प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी व थाना प्रभारी के माध्यम से चौकीदार, सेविका, सहायिका, वार्ड सदस्य द्वारा गांव, टोला स्तर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. जो भी व्यक्ति बाहर से आ रहे या गांव, टोलों के व्यक्ति जिले से बाहर जा रहे हैं, उनका रजिस्टर मेंटेन हो रहा है.