Bermo : विस्थापितों के नेता काशीनाथ केवट ने देश के कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की नई आरआर पॉलिसी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि कोयला मंत्री ने 17 जनवरी को आरआर पॉलिसी के नाम पर विस्थापित विरोधी फरमान जारी किया है. पॉलिसी में जिक्र है कि अब जमीन के बदले नौकरी नहीं दी जाएगी. जमीन का मुआवजा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 40 लाख रुपये प्रति एकड़ और शहरी क्षेत्र के लिए 75 लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा. रोजगार के एवज में 20 साल के लिए सात हजार से दस हजार रुपये मासिक तथा पुनर्वास के नाम पर एक हजार स्क्वायर फीट क्षेत्रफल वाला आवास भूस्वामियों को दिया जाएगा.
आरआर पॉलिसी विस्थापित विरोधी फऱमान
काशीनाथ केवट ने कोयला मंत्री को पत्र प्रेषित कर जमीन के बदले नौकरी नहीं देने का फरमान वापस लेने की मांग की है. पत्र में जिक्र है कि विस्थापितों ने अपनी पुश्तैनी जमीन देकर कोलियरियों को खड़ा किया है. जमीन के बदले विस्थापितों को जीविकोपार्जन के लिए मिलने वाली नौकरी की व्यवस्था भी कोयला मंत्री खत्म कर रहे हैं. उन्होंने पत्र में मांग की है कि कोल इंडिया रैयतों को नौकरी देने में दो एकड़ जमीन की सीमा अहर्ता खत्म करें और सभी विस्थापितों को नौकरी दें. आरएफसीटीएल एंड आरआर एक्ट 2013 के अनुसार वर्तमान बाजार दर से चार गुणा ज्यादा मुआवजा रैयतों को भुगतान करें. पुनर्वास के लिए दस डिसमिल जमीन और पुनर्वास स्थल पर समुचित व्यवस्था की जाए. पत्र में अन्य मांगों का भी जिक्र है.
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