Bermo: बेरमो अनुमंडल में हुई बारिश के बाद किसानों में उत्साह था. किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन धान के फसल में एकाएक नयी बीमारी लगनी शुरू हो गयी है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है.
पिछले साल झुलसा रोग हुआ था
जानकारी के अनुसार खेत में लगे धान के पौधों के पत्ते एक-एक कर सूखने लगे हैं. यह स्थिति लगभग सभी खेतों की है. यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. किसान इस रोग के बारे में जानकारी जुटाने में लगे हैं. साथ ही इसका उपचार भी खोज रहे हैं. पिछले साल धान की फसल में झुलसा रोग हुआ था. इससे कई खेतों में लगी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. यह एक ऐसी बीमारी थी जो फसल में लगने के बाद उस खेत की फसल को पूरी तरह से नुकसान करने के बाद दूसरे खेत को भी चपेट में ले लेती थी. रोग की चपेट में आने के बाद धान की फसल में सिर्फ छिलका बचता था.
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वैज्ञानिकों को अवगत कराया गया है
इस संबंध में नावाडीह प्रखंड के कृषि मित्र संतोष कुमार ने कहा की इस वर्ष भी धान की फसल में बीमारी होने की शिकायत मिली है. इस बारे में वैज्ञानिकों को अवगत कराया गया है. वैज्ञानिक इस समस्या के समाधान में लगे हुए हैं. एक दो दिन में इसका उपाय ढूंढ लेने की संभावना है. किसान गणेश महतो, नुनूचंद महतो व खेमनारायण महतो ने कहा की पिछले साल से धान की फसल से जो नुकसान होना शुरू हुआ है, वह जारी है. धान की फसल के बाद कुहासा से आलू की फसल बर्बाद हुई थी. इसके बाद मकई की फसल से कुछ उम्मीद जगी पर असमय हुए लगातार बारिश ने मकई की फसल को भी बर्बाद कर दिया. अब किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण फसल धान है. उसमें भी रोग लग गयी है. इससे किसान परेशान हैं.
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