Patna: बिहार सरकार अब प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदेश में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए नये प्रयोग कर रही है. इसमें पान से औषधीय तेल निकालने के लिए यूनिट लगायी जाएगी और शेडनेट में पान की खेती की जाएगी. इसमें किसानों की फसल की सुरक्षा होगी. साथ ही किसान अन्य फसल भी लगा सकेंगे. यह प्रयोग बिहार कृषि विश्वविद्यालय के नालंदा के इस्माइलपुर स्थित पान अनुसांधन केन्द्र में होगा. इसके लिए बीएयू को राशि दे दी गयी है.
यह योजना बिहार में नवादा और नालंदा समेत गया, मधुबनी, वैशाली, खगड़िया, दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, औरंगाबाद, शेखपुरा, बेगूसराय, सारण, सीवान और मुंगेर के लिए है. इस जिलों के पान कृषकों को इस योजना का लाभ मिलेगा. यह प्रयोग सफल रहा तो किसानों को इससे जोड़ा जाएगा. उन्हें अनुदानित दर पर शेडनेट दिया जाएगा. उन्हें पान के पत्ते से औषधीय तेल निकालने के लिए छोटी यूनिट भी दी जाएगी. इससे उन्हें काफी फायदा होगा.
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कीटों से बचाव होगा
बताया जाता है कि कोरोना की वजह से पान की खेती पर काफी असर पड़ा है. कारोबार नहीं होने से किसान पान की खेती से दूर होते जा रहे हैं. सरकार की इस पहल से उनमें एक नयी उम्मीद जगी है. अधिकारियों का कहना है कि शेडनेट में सूक्ष्म सिंचाई के साथ फॉगर की व्यवस्था होगी. इसमें तापमान भी संतुलित रहेगा. प्राकृतिक आपदाओं से भी बचाव होगा. साथ ही कीटों से भी बचाव होगा. इसके अलावा किसान शेडनेट में परवल, मिर्च, लौकी, ककड़ी, और पालक की खेती भी कर सकेंगे. बताया जाता है कि पान में तेरह प्रकार के आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. इससे वात, पित्त, कफ, मुख शोधक, कीटाणु नाशक और गैस समेत कई परेशानियों से राहत मिलती है.
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