Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में अवैध शराब के आगे वैध शराब का कारोबार फेल नजर आ रहा हैं. शराब के व्यापार की मौजूदा व्यवस्था से झारखंड को मुनाफा होता नहीं दिख रहा है. लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बीते 23 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के एसपी, एसएसपी के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान जिले के एसपी अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद पूरे राज्य में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. पिछले चार दिनों के दौरान झारखंड पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 14778 देशी और विदेशी शराब बरामद किया. इसके अलावा 467 मामले दर्ज हुए और 159 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. वहीं 269 लोग फरार चल रहे है.
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11 जिले में विशेष रूप से अलर्ट
झारखंड में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए आइजी को अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक उत्पाद विभाग के निर्देशन में पुलिस मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है और सभी जिलों को आदेश भी दिया है. गौरतलब हैं कि बीते 23 दिसंबर को आईजी अभियान ने जिले के एसपी के साथ अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के लिए समीक्षा बैठक किये थे. रांची, लोहरदगा, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, हजारीबाग, धनबाद, लातेहार, सरायकेला, चतरा और जामताड़ा जिले में विशेष रूप से अभियान चलाया जा रहा है.
झारखंड में शराब से अक्टूबर तक 1050 करोड़ ही मिले, लक्ष्य से 250 करोड़ कम
शराब के व्यापार की मौजूदा व्यवस्था से झारखंड को मुनाफा होता नहीं दिख रहा है. इससे लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है. जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष के छह माह बाद तक शराब की बिक्री के निर्धारित लक्ष्य का आधा राजस्व भी सरकारी खजाने में नहीं आया है. 31 अक्टूबर तक 1050 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. वित्त विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए शराब से मिलनेवाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ रुपये निर्धारित किया है. उत्पाद विभाग ने अक्टूबर तक शराब की बिक्री से 1300 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया था. केवल अक्टूबर में दुकानों से शराब की खुदरा बिक्री का लक्ष्य 440 करोड़ निर्धारित था, लेकिन इस महीने राज्य में 310 करोड़ रुपये की ही शराब बेची गयी. उत्पाद विभाग शराब से मिलनेवाले राजस्व के निर्धारित लक्ष्य से लगभग 250 करोड़ रुपये पीछे है.
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