Ranchi/ Deoghar : देवघर के त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर फंसे लोगों को बचाने के लिये अब सेना के जवानों को लगाया गया है. इससे पहले एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम लोगों को झूलों से सुरक्षित उतारने में जुटी थी. सेना के जवानों के आने के बाद फंसे लोगों को जल्द सुरक्षित बचाव में तेजी आयी है. उल्लेखनीय है कि रविवार को त्रिकुट पहाड़ पर बने रोप-वे का तार टूट गया था. तार टूटने के बाद रोप-वे के 18 झूलों में करीब 54 लोग हवा में ही फंस गये थे. तार टूटने की घटना में एक पर्यटक की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गये थे. घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.
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समुद्र तल से 2470 फीट की उंचाई तक जाता है रोप-वे
देवघर का त्रिकुट पहाड़ झारखंड के रोमांचक पर्यटन स्थल में से एक है. इस पहाड़ पर आप ट्रेकिंग, रोपेवे, वन्यजीवन एडवेंचर्स की जाती है. रोप-वे के जरिये चढ़ाई करते वक्त पहाड़ी पर घने जंगल में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम मिलता है. यह एक ट्रायकिट हिल्स है. जिसमें तीन चोटियां हैं और सबसे उंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट की ऊंचाई तक जाती है. और जमीन से लगभग 1500 फीट की उंचाई पर लोग ट्रेकिंग का आनंद लेते हैं.
तीनों चोटियों में से केवल दो को ही ट्रेकिंग के लिए सुरक्षित माना गया है. चूंकि तीसरी चोटी पर बहुत ज्यादा ढलान है. इस कारण इसे ट्रेकिंग के लिये सुरक्षित नहीं माना जाता है. रोप-वे के जरिये पर्यटक मुख्य चोटी के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं. पहाड़ की चोटी एक बड़ा सा मैदान जैसा है. जहां लोग कुछ दूर रूकते हैं. खाते-पीते हैं और वापस रोप-वे के जरिये लौट आते हैं.
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