New Delhi : जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, कश्मीर में टारगेट किलिंग की प्लानिंग एक साल पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में रची गई थी. इस दौरान 200 ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की गई थी, जिनकी जान लेनी थी. 21 सितंबर 2021 में PoK के मुजफ्फराबाद में आइएसआइ (ISI) के अफसरों और अलग- अलग आतंकी तंजीमो के बीच मीटिंग हुई थी. मालूम हो कि कश्मीरी पंडितों और बाहर से आकर कश्मीर में सरकारी नौकरी कर रहे लोगों पर जानलेवा हमले हो रहे हैं.
नए-नए नामों से आतंकी ग्रुप बनाने का था प्लान
इस मीटिंग के बारे में अक्टूबर 2021 में भी खुलासा किया गया था. आइएसआइ की आतंकी संगठनों के साथ हुई इस मीटिंग में तय किया गया था कि अलग-अलग और नए नाम से आतंकी ग्रुप बनाए जायेंगे, जो टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी लेंगे. मीटिंग में तय किया गया था कि कश्मीरी पंडितों, सिक्यॉरिटी पर्सनल, RSR और बीजेपी के लोकल नेताओं, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निशाना बनाया जायेगा. आइएसआइ ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर टारगेट किलिंग के लिए 200 लोगों की लिस्ट तैयार की थी, जिनको निशाना बनाया जाना था. अब एक साल बाद आइएसआइ का प्लान कश्मीर में कोहराम मचा रहा है.
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26 दिनों में 10 लोगों की हत्या
कश्मीर में हालात कितने खराब हैं, इसका अंदाजा आंकड़ों से लगाया जा सकता है. बीते 26 दिनों में आतंकियों ने 10 लोगों को निशाना बनाया है. इनमें एक महिला स्कूल टीचर, बैंक मैनेजर भी शामिल हैं. गुरुवार को दो जगह आतंकी हमले हुए. इसमें पहले बैंक मैनेजर विजय कुमार की बैंक में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद दो प्रवासी मजदूरों पर गोलियां चलाई गईं. इसमें एक शख्स की मौत हो गई.
कर्मचारियों ने घाटी छोड़नी शुरू कर दी
इन घटनाओं के बाद कश्मीरी पंडितों और सरकारी कर्मचारियों ने घाटी छोड़नी शुरू कर दी. इसमें से ज्यादातर लोग जम्मू आ गए हैं. बडगाम में एक शेखपुरा पंडित कॉलोनी है. राहुल भट (जिनकी कुछ दिन पहले हत्या हुई थी) यहीं रहते थे. यहां पहले कश्मीरी पंडितों के 350 परिवार रहते हैं. लेकिन अब 150 परिवार वहां से निकल गए हैं.
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