Ranchi: शहर के मेन रोड एकड़ा मस्जिद की रहने वाली 28 वर्षीय महिला सीमा प्रवीन रेपचर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के इलाज लिए रिम्स में 05 दिसंबर को भर्ती हुई और उसी दिन लेप्रोटोमी सर्जरी किया गया था. डॉ मीना मेहता के यूनिट में सीमा को एडमिट किया गया था. सर्जरी के दौरान ही महिला के पेट में टॉवल (तौलिया) छोड़ दिया गया. जिससे जख्म से पस के साथ बदबू भी आ रही थी. परिजनों ने रिम्स के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही और उदासीनता का आरोप लगाया है. मरीज के परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान डॉ मीना मेहता खुद मौजूद थीं और जूनियर डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे थे.
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परिजन ने कहा कि रिम्स के गायनी विभाग की चिकित्सक ने बिना समझे सर्जरी विभाग में ही मरीज को रेफर कर दिया. सर्जरी विभाग के चिकित्सक एक महीने तक एंटीबायोटिक दवाई देते रहे, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ. जबकि तीन बार सर्जरी विभाग में चक्कर लगाने के बाद भी रिम्स में इलाज नहीं हो पाया.
एक विभाग से दूसरे विभाग तक मरीज लगाती रही चक्कर
सीमा प्रवीण रिम्स के गायनी विभाग और सर्जरी विभाग के बीच चक्कर लगाती रही, लेकिन जख्म की समस्या बढ़ती ही जा रही थी. थके हारे परिजनों ने निजी अस्पताल का रुख किया. जहां महिला के पेट की दोबारा सर्जरी कर टॉवल को 24 दिन के बाद बाहर निकाला जा सका.
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