Ahmedabad : गुजरात से एक बड़ी खबर आयी है. खबर यह है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले आज शनिवार को गुजरात सरकार की कैबिनेट बैठक में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी. यह जानकारी गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने दी है. उन्होंने कहा कि गुजरात मंत्रिमंडल ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के उद्देश्य से समिति गठित करने को अनुमति प्रदान की. कहा कि कैबिनेट ने कमेटी के गठन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौंपी है. कमेटी समान नागरिक संहिता की संभावनाएं तलाशेगी. इसके लिए विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जायेगा. जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे.
An important decision has been taken today in state cabinet meeting to form a high-level committee under chairmanship of a retired Supreme Court/HC judge to examine the need for a Uniform Civil Code in the state and prepare a draft for this code, tweets Gujarat CM Bhupendra Patel https://t.co/UkdNF1fVYz pic.twitter.com/tGUjOB7y85
— ANI (@ANI) October 29, 2022
Gujarat announces forming a committee for implementing UCC in state
Read @ANI Story | https://t.co/ND2Sx24X2O#Gujarat #UCCInGujarat #UniformCivilCode pic.twitter.com/AcAgJNEnfa
— ANI Digital (@ani_digital) October 29, 2022
इसे भी पढ़ें : मेरठ में कूड़ा बीनने वाले लोगों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सुर्खियों में, 9 पर FIR, तीन महिलाएं गिरफ्तार
उत्तराखंड में सरकार बनने के बाद यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया
इसके पूर्व गुजरात के गृहमंत्री ने कहा था यूनिफॉर्म सिविल कोड की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. इसके लिए एक कमेटी का गठन करने की योजना है. कहा जा रहा था कि कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड की तर्ज पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया जायेगा. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड की घोषणा की गयी थी. इतना ही नहीं सरकार बनने के बाद इसे लागू भी किया गया था.
समान नागरिक संहिता का मुद्दा हमेशा से भाजपा के एजेंडे में रहा है
समान नागरिक संहिता का मुद्दा हमेशा से भाजपा के एजेंडे में रहा है. 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार पार्टी न अपने घोषणापत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा शामिल किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी भाजपा ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता, तब तक लैंगिक समानता नहीं आ सकती.
इसे भी पढ़ें : UNSC की बैठक में बोले एस जयशंकर, इंटरनेट-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों के सबसे बड़े हथियार
यूनिफॉर्म सिविल कोड में सभी नागरिकों के लिए नियम एक समान
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम. इसका अर्थ है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. समान नागरिक संहिता जिस राज्य में लागू की जायेगी वहां, शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा.