NewDelhi : 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ी एक बड़ी खबर आयी है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने दंगों से संबंधित सभी केस बंद करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस यूयू ललित की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने आज मंगलवार को कहा कि इतने समय के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है.
बता दें कि गुजरात दंगों से जुड़ी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. इस मामले में SC ने कहा कि गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस में निचली अदालतें फैसला सुना चुकी हैं. नारोदा गांव से जुड़े मामले की सुनवाई अभी जारी है. ऐसी स्थिति में इससे जुड़े किसी भी केस पर अलग से सुनवाई की जरूरत नहीं है.
SC closes all proceedings arising out of 2002 riots in Gujarat. A batch of pleas was pending before SC. SC says cases have now become infructuous with passage of time, trials in 8 out of 9 cases are over&final arguments are going on in one case in trial court, Naroda Gaon,Gujarat pic.twitter.com/1db5ANs1AQ
— ANI (@ANI) August 30, 2022
इसे भी पढ़ें : भाजपा को 2024 में किसी भी कीमत पर हराना है, ममता बनर्जी ने किया वादा, कहा, दिल्ली की लड़ाई मेरी आखिरी होगी
NHRC और NGO की अर्जी पर आदेश दिया
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने दंगा पीड़ित परिवारों, NHRC और एक NGO सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी केस बंद करने का आदेश दिया है. इन याचिकाओं में पुलिस की जगह CBI को सभी मामले ट्रांसफर करने की मांग की गयी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब गुजरात दंगे से जुड़ी याचिकाओं को आगे सुनने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए हम सभी मामले बंद करने का आदेश दे रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : राजनाथ ने कहा, महात्मा गांधी के बाद मोदी ही हैं जो भारतीयों को समझते हैं, बोले हरिवंश, मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल
SC ने PM को मिली क्लीन चिट बरकरार रखी थी
जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को जाकिया जाफरी की ओर से पीएम मोदी के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी थी. मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दंगों में क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका डाली गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित की थी
सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में SIT का गठन किया था. कोर्ट ने SIT से इस मामले में हुईं तमाम सुनवाइयों पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. बाद में जकिया की शिकायत की जांच भी SIT के हवाले कर दी गयी थी. जांच कर SIT ने मोदी को क्लीन चिट दी. इस क्रम में 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT ने मजिस्ट्रेट को क्लोजर रिपोर्ट सौंपी.
2013 में जकिया जाफरी ने क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करते हुए मजिस्ट्रेट के सामने याचिका दायर की थी. मजिस्ट्रेट द्वारा याचिका खारिज किये जाने के बाद जाकिया ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगाई. 2017 में जब हाईकोर्ट ने भी मजिस्ट्रेट का फैसला बरकरार रखा, तब जकिया ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.