Ranchi : झारखंड के मानवाधिकार कार्यकर्ता स्व. फादर स्टेन स्वामी की शहादत के एक वर्ष पूरे होने पर उनकी पहली पुण्यतिथि पर मंगलवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी एकजुट हुए. आयोजित स्मृति सभा में मुख्य अतिथि टीआरआई के निदेशक रणेन्द्र ने फादर स्टेन स्वामी की मार्क्सवादी चेतना से लोगों को अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि आज के दौर में अस्मिता राजनीति से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. स्वामी ने राजनीतिक चिंतन को आधार बना कर जन आंदोलन को आगे बढ़ाया.
फादर के चिंतन को कार्यशैली में बदलने की बात कही
फादर स्टेन के करीबी सहयोगी डॉ प्रभा लकड़ा ने फादर के चिंतन को कार्यशैली में बदलने की बात कही. झारखंड जनाधिकार महासभा की अलोका कुजूर ने फादर स्टेन स्वामी पर हुए राजनीतिक दमन को झारखंड में व्याप्त कॉरपोरेट द्वारा आदिवासियों की जमीन की लूट से जोड़ा. टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की, बीएस राजू तथा अन्य वक्ताओं ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी की संस्थागत हत्या से भारत के लोकतंत्र, संविधान और कानून पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न लग चुका है. हम आज भी न्याय के इंतजार में हैं.
फादर स्टेन स्वामी की शहादत को श्रद्धांजलि दी
स्वतंत्र पत्रकार रुपेश सिंह ने राज्य सरकार पर सवाल किये, जो आदिवासी हितों की रक्षा के वादे के साथ सत्ता में आयी है. कहा कि ढाई साल पूरे होने पर भी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है. झारखंड जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक बच्चा सिंह ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी किसानों और मजदूरों के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत रहे. हॉफमन लॉ के डायरेक्टर अधिवक्ता महेंद्र तिग्गा ने समस्त झारखंडियों की ओर से फादर स्टेन स्वामी की शहादत को श्रद्धांजलि दी.
स्मृति सभा में ये थे मौजूद
विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन द्वारा आयोजित स्मृति सभा में फादर स्टेन स्वामी पर आधारित “झारखंड की आवाज स्टेन स्वामी” पुस्तक का लोकार्पण हुआ. कार्यक्रम में विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन ( तेलंगाना) के बीएस राजू, बगइचा के डायरेक्टर फादर टोनी, एआईपीएफ के नदीम खान, झारखंड जनाधिकार महासभा के सिराज दत्ता, तेनुघाट विस्थापित बेरोजगार संघर्ष समिति के दिनेश, भारतीय आदिम जनजाति परिषद् के उमा शंकर बैगा ब्यास, भारतीय भुइयां परिषद् के नरेश भुइयां, मजदूर संगठन समिति के रघुबर सिंह, झारखंड जन अधिकार महासभा के एलीना होरो, दामोदर तुरी, रिषित, निषाद, विश्वनाथ और प्रताप सहित कई उपस्थित थे.
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