25 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया गया, बाकी को जिलों में मिला लेटर
1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया गया है
Patna : बिहार लोक सेवा आयोग की अध्यापक भर्ती परीक्षा पास कर शिक्षक बने अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत गांधी मैदान में मंच पर उपस्थित मंत्रियों ने नियुक्ति पत्र बांटे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले पटना की पूनम कुमारी को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद अर्चना कुमारी, रवीशा सिंह, रीता कुमारी, कुमारी कुमकुम को नियुक्ति पत्र दिया गया। शुरुआती पांचों नियुक्ति पत्र महिला शिक्षिकाओं को मिले. इस मौके पर सीएम ने कहा कि बिहार में अगले दो महीने के अंदर 1.20 शिक्षकों की नियुक्ति होगी. उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिक केके पाठक को इसका टास्क सौंपा. बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के द्वारा 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया गया है, जिसमें चुने हुए 25 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. शेष को अन्य जिलों में प्रभारी मंत्री दे रहे हैं. गांधी मैदान के इस कार्यक्रम से ऑनलाइन 35 जिले जुड़े हुए हैं, जहां प्रभारी मंत्री मौजूद हैं.
केके पाठक को टास्क सौंपा
मंच से ही सीएम नीतीश ने केके पाठक की ओर मुस्कुराते हुए पूछा कि अरे पाठक जी, हम तो चाहते हैं अगले दो महीने के अंदर एक लाख बीस हजार शिक्षकों की बहाली हो. अपा शुरू करवा दीजियेगा ना? केके पाठक ने भी तुरंत हामी भर दिया. इस बीच नीतीश कुमार ने मंच पर बैठे हुए शिक्षा मंत्री की ओर देखा और कहा कि मंत्री जी, खड़ा होकर बोलिये, सहमत हैं ना? चंद्रशेखर ने भी मुस्कुराते हुए हां बोल दिया.
पहली बार बिहार में बड़े पैमाने पर इतनी बड़ी बहाली
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहली बार देश के अंदर बिहार में बड़े पैमाने पर इतनी बड़ी बहाली हुई है. इस दौरान सीएम नीतीश ने मीडिया से कहा कि यह बात आप लो याद रखियेगा। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि 50 हजार लोगों बहाली हुई, तो खूब छपा, लेकिन बिहार में एक साथ इतनी बड़ी भर्तियां हुई हैं तो कुछ नहीं छपेगा. नीतीश कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं कि शिक्षक भर्ती में बाहरियों को बहाली हुई है. मैं उनसे बताना चाहता हूं कि बिहार इस देश के अंदर ही है. उन्होंने कहा कि अभी तो शिक्षक बहाली हुई है उसमें 88 प्रतिशत बिहार के और 12 प्रतिशत दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी हैं.