Bagaha : बिहार के बगहा में आतंक का पर्याय बन चुके नरभक्षी बाघ ने लगातार तीसरे दिन ग्रामीणों पर हमला किया. शनिवार सुबह सात बजे खूंखार बाघ ने एक मां-बेटे पर हमला कर दिया, जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई. दोनों गोवर्धना थाना के क्षेत्र के बलुआ गांव के रहने वाले थे. इसके साथ ही बाघ के हमले से मरने वालों संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है. बबिता देवी सुबह में घास काटने खेत की ओर गई थी. उसके साथ उसका मासूम बच्चा भी था. बाघ ने दोनों पर हमला किया. उनके शव मिल गए हैं.
बाघ को खेत में घेरा, दिखते ही गोली मारने का आदेश
इंसानों का शिकार कर रहे बाघ को मारने के लिए नेपाल से टीम बुलाई गई है. दर्जनों शूटर्स और सैकड़ों लोग उसकी तलाश में जुटे हैं. बताया जाता है कि उसे गन्ने के खेत में घेर लिया गया है. उसकी तलाश की जा रही है. बाघ को दिखते ही गोली मारने के आदेश है. वन अधिकारियों ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से आदमखोर बाघ को शूट करने के आदेश मांगे. एनटीसीए ने तुरंत आदेश जारी कर दिए. शुक्रवार दोपहर बाद शूटिंग के आदेश मिलते ही एसटीएफ तैनात की गई, जिसमें शूटर्स, एक्सपर्ट्स और वन विभाग के कर्मचारी शामिल हैं. फिलहाल टाइगर की तलाश की जा रही है, उसे दिखते ही गोली मार दी जाएगी.
एक नहीं तीन-तीन आदमखोर बाघ?
गन्ने के खेत में टाइगर के छिपे होने की आशंका है. खबर ये भी आ रही है कि शनिवार को हमला करने वाला एक नहीं बल्कि तीन बाघ थे. वीटीआर से सटे इलाकों में बीते ढाई महीने में 10 लोगों की बाघ के हमले में मौत हो चुकी है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे और मवेशियों के लिए चारा भी घर पर नहीं ला रहे हैं. ये लोग वन विभाग से जियो और जीने दो की गुहार लगा रहे हैं. बाघ को मारने के लिए बिहार एसटीएफ वहां तैनात है. बाघ भी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है. जिससे उसको पकड़ना मुश्किल हो गया है.
वन विभाग के कर्मचारियों को बंधक बनाया
इस बीच आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के कर्मचारियों को बंधक बना लिया. फिर उनकी पिटाई भी कर दी. बाघ के लगातार हो रहे हमले से वीटीआर से सटे गांवों में लोग खौफजदा हैं. बाघ ने इसी हफ्ते बुधवार देर रात घर में सो रही एक 12 साल की बच्ची को मार दिया. शुक्रवार सुबह भी उसने रामनगर में शौच पर गए एक शख्स पर पीछे से हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने वन विभाग के दफ्तर पर हंगामा कर दिया. बाघ के हमले को लेकर डुमरी गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
बाघ जंगल में रहने की प्रवृति को छोड़ चुका है
वीटीआर डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि दोनों मृतक को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, उसके बाद पीड़ित परिवार को पांच लाख मुआवजे का जो प्रावधान है, वो दिया जाएगा. बाघ को मारने का ऑडर देने की एक पूरी प्रक्रिया होती है, जो मिल गई है. तीन दिनों में चार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, सभी को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये बाघ जंगल में रहने की प्रवृति को छोड़ चुका है, रिकार्ड से पता चला है कि इसका जन्म 3 साल पहले गन्ने के खेत में ही हुआ था, इसलिए वो बार-बार खेत में आ जा रहा है. पहली दो घटनाएं जंगल से सटे सीमा क्षेत्र में हुई थी, लेकिन अब अगल-अलग क्षेत्र में बाघ अटैक कर रहा है, जो काफी जोखिम भरा है. हमारी पूरी टीम उसे खोजने में लगी है.
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