Patna : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के दीक्षांत समारोह के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया है कि तीन ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते हैं. ये तीन ग्रंथ ‘मनुस्मृति’, ‘रामचरित मानस’ और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ ने समाज में नफरत फैलायी है. मंत्री के इस बयान के बाद बवाल मच गया है.
#WATCH मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?: रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, पटना pic.twitter.com/bW2pB8Eg3P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2023
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नफरत देश को एक महान राष्ट्र नहीं बना सकती है
मंत्री ने कहा कि नफरत हमारे देश को एक महान राष्ट्र नहीं बना सकती है, केवल प्रेम से ही देश को महान बना सकती है. यही कारण है कि लोगों ने अतीत में ‘मनुस्मृति’ को जलाया है. ‘मनुस्मृति’ ने समाज के 85 प्रतिशत लोगों को गाली दी है. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है कि निचली जातियों के लोगों को शिक्षा का कोई अधिकार नहीं है. यह बताया गया है कि निचली जाति के लोग शिक्षा हासिल करने के बाद सांप के समान जहरीले हो जाते हैं, जो दूध पीने के बाद और अधिक जहरीले हो जाते हैं.उन्हें ‘अधम जाट’ (निचली जाति) कहा जाता है.
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केरल के मंत्री ने भी मनुस्मृति के बारे में ऐसा ही बयान दिया था
मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा कि बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर ने कहा कि ये पुस्तकें समाज में नफरत फैलाती हैं.पहले युग में ‘मनुस्मृति’, दूसरे युग में ‘राम चरित मानस’ और तीसरे युग में गोलवरकर की ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ग्रंथ ने नफरत फैलाई है. बता दें कि कुछ दिन पहले केरल के मंत्री और कम्युनिस्ट नेता एणबी राजेश ने मनुस्मृति के बारे में ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने दावा किया था कि जाति व्यवस्था मनुस्मृति पर आधारित है.
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