NewDelhi : राजनीति और चुनाव में अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तेवर तल्ख करते हुए बिहार के राजनीतिक दलों को अवमानना का दोषी करार दिया और जुर्माना ठोका है. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव में उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक करने के आदेश की अवहेलना करने पर यह निर्णय लिया. खबरों के अनुसार SC ने भाजपा और कांग्रेस समेत 9 राजनीतिक दलों को अवमानना का दोषी माना है. NCP और CPM पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना, जबकि कांग्रेस और भाजपा पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
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चार सप्ताह के भीतर चुनाव आयोग में जुर्माना जमा करने का निर्देश
इस क्रम में राजद, जनता दल, लोकपा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और CPI पर भी एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर चुनाव आयोग को जुर्माना जमा कराने को कहा है. चेतावनी दी है कि भविष्य में सभी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करें अन्यथा इसे गंभीरता से लिया जायेगा. हालांकि कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी को चेतावनी देकर छोड़ दिया.
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राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए जारी दिशा निर्देश
1 राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी प्रकाशित करनी होगी और मुखपृष्ठ पर एक कैप्शन हो जिसमें लिखा हो ”पराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार”
2 चुनाव आयोग को एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन बनाने का निर्देश, जिसमें उम्मीदवारों द्वारा उनके आपराधिक इतिहास के बारे में प्रकाशित जानकारी शामिल हो.
3 चुनाव आयोग सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाये.
4 यह सोशल मीडिया, वेबसाइटों, टीवी विज्ञापनों, प्राइम टाइम डिबेट, पैम्फलेट आदि सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर किया जायेगा
5 चुनाव आयोग सेल बनाये जो ये निगरानी करे कि राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया है या नहीं
6 यदि कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग के पास इस तरह की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो चुनाव आयोग इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देगा.
इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दलों ने कम प्रसार वाले अखबारों में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास की जानकारी छपवाई, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ज्यादा प्रसार वाले अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसका प्रचार करे.
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