Vijay Kumar
Ranchi: राजधानी रांची के पुराने जेल परिसर में बने बिरसा मुंडा स्मृति पार्क एवं संग्रहालय का उद्घाटन के 6 माह बीत जाने के बाद भी संचालन शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि ट्रायल रन शुरू किया गया है. सुबह 10 से शाम 5 बजे तक पार्क आम लोगों के लिए खोलने की अनुमति दी गई है. इसके लिए पर्यटकों को किसी तरह की इंट्री फीस नहीं देनी होगी. लेकिन जिस उद्देश्य के साथ बिरसा मुंडा स्मृति पार्क एवं संग्रहालय को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है उसके लाभ से लोग वंचित रह जा रहे हैं. जुडको के द्वारा पब्लिक प्रोवाइड पार्टनरशिप (PPP) के तहत इसका संचालन होना था.
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लेजर और लाइट शो के जरिये दिखाया जाएगा जीवन गाथा
लगभग 30 एकड़ में इस पर्यटक स्थल को विकसित किया गया है. जेल परिसर के बाहर लगी भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट उंची प्रतिमा मुख्य आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावे संग्रहालय में राज्य के जनजातीय क्रांति और राज्य के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन गाथा और उनके संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाया गया है. जिसे लेजर और लाइट शो, चित्रपट एवं म्यूजिकल फाउंटेन के माध्यम से दिखाया जाएगा. इसके अलावा बच्चों के लिए मनोरंजन के के साधन भी स्थापित किये गए हैं. जनजातीय समाज की जीवनशैली, उनके धार्मिक अनुष्ठान, संस्कृति और परंपरा को दर्शाया गया है.
जुडको की शर्तो के कारण कोई एजेंसी नहीं दिखा रही रुचि
बिरसा मुंडा स्मृति पार्क एवं संग्रहालय का निर्माण 142 करोड़ की लागत से किया गया है. जिसका उद्घाटन 15 नवंबर 2021 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया था. जिसका 6 माह बीत जाने के बाद भी संचालन शुरू नहीं हो पाया है. जबकि पार्क और संग्रहालय के संचालन के लिए जुडको ने दो बार टेंडर निकाला है. लेकिन जुडको शर्त की वजह से कोई एजेंसी रुचि नहीं दिखा रही हैं. दरअसल, जुडको ने संचालन एजेंसी से सलाना 1 करोड़ 62 लाख वसूलने का शर्त रखा है. जुडको से मिली जानकारी के अनुसार, एक बार फिर से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. एक महीने के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिसके बाद तमाम चीजों का बिरसा मुंडा पार्क एवं संग्रहालय में सुविधा मिल सकेगी.
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जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी का देश में पहला संग्रहालय
142 करोड़ की लागत से विकसित किये गए बिरसा मुंडा स्मृति पार्क एवं संग्रहालय के निर्माण में 117 करोड़ झारखंड सरकार और 25 करोड़ केंद्र सरकार की ओर से दिये गए है. ये जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय देश का पहला संग्रहालय है. जहां ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन छेड़ने वाले बिरसा मुंडा के अलावा राज्य के कई जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की आदमकद प्रतिमा स्थापित है. इसका संचालन शुरू होने से राज्य ही नहीं देश के कोने-कोने से लोग आएंगे और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथा और उनके बलिदान से उन्हें अवगत कराएंगे.