- झामुमो ने कहा – 2023 में केवल कोरोना संकट नहीं रहेगा बल्कि राजनीतिक और साजिश का षडयंत्र रहेगा, उनसे निपटने को झामुमो तैयार
- निश्चय पत्र का 60 प्रतिशत किया पूरा, सरकार काम करती रहेगी तो अगले 365 दिनों में तमाम वादों को पूरा करेंगे
- 1 जनवरी 2024 से जनता का आशीर्वाद लेने के लिए निकलेगा झामुमो, ताकि नवंबर-दिसंबर में पुनः जनता का आशीर्वाद मिले
Ranchi : रामगढ़ उपचुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कमर कस ली है. पार्टी ने खुले तौर पर भाजपा और आजसू को चुनौती दी है कि वे उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को प्रत्याशी बनाये. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि अगर ऐसा होता है कि रामगढ़ की जनता इस बार भाजपा-आजसू को 56,000 वोटों का लोकतांत्रिक तमाचा देगी. हरमू स्थित पार्टी ऑफिस में मंगलवार को प्रेस वार्ता कर सुप्रियो भट्टाचार्य ने माना कि 2023 का साल न केवल कोरोना का बल्कि राजनीति साजिश और षडयंत्र का काल हो सकता है. हेमंत सरकार हर संकट का सामना करने को तैयार है.
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500 दिन के काम में ही हासिल की 60 प्रतिशत उपलब्धि
सुप्रियो ने हेमंत सरकार के तीन साल को एक बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर को सरकार के तीन साल यानी 1100 दिन पूरे होंगे. इन 1100 दिनों में सरकार ने केवल 500 दिन ही काम किया. बाकी दिन तो कोरोना संकट, चार उपचुनाव और आचार संहिता के दिनों में ही बीत गया. इन 500 दिनों में हेमंत सरकार ने कई उपलब्धि हासिल की. इसमें 1932 का खतियान आधारित विधेयक, आरक्षण का दायरा बढ़ाने, ओल्ड पेंशन स्कीम, पारा शिक्षक, सेविका-सहायिका का मामला, रिकॉर्ड समय में 7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा जैसे कामों को अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि महज 500 दिनों में ही झामुमो ने अपने निश्चय पत्र का 60 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. सरकार अपना कार्यकाल पूरा करती है, तो बाकी बचे 40 प्रतिशत चुनावी वादा भी पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा, चुनावी वादा पूरा करने के बाद सरकार 1 जनवरी 2024 से जनता का आशीर्वाद लेने के लिए निकलेगी, ताकि नवंबर-दिसंबर में पुनः जनता का आशीर्वाद मिले.
सुप्रियो ने पूछा – स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण देने के लिए क्या कर रही है भाजपा
झामुमो नेता ने आरोप लगाया कि 2020 से ही हेमंत सरकार को हटाने की भाजपा साजिश रच रही थी. हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी. स्थानीय निकाय चुनाव में हेमंत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण नहीं देने से भाजपा और आजसू ने आरोप लगाया. आज उसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया. झामुमो नेता ने भाजपा से पूछा है कि बताएं कि पिछड़ों के आरक्षण के लिए योगी सरकार क्या कर रही है. इसे ही देखते हुए आरक्षण विधेयक को संविधानिक कवच देने के लिए राज्य सरकार ने इसे संविधान की नौंवी अनुसूची में डालने की मांग की है.
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