Ranchi : रोजगार के नाम पर झारखंडी युवाओं को छलने के प्रदेश बीजेपी नेताओं के लगे आरोप पर जेएमएम ने पलटवार किया है. पार्टी के गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने सोशल मीडिया में झारखंडी छात्रों द्वारा चलाये जा रहे #jharjhandi_yuva_mange_rojgar का पूर्ण समर्थन किया है. साथ ही कहा है कि बीजेपी राज में बनाये गलत नियुक्ति नियमावली, गलत आरक्षण नीति, अस्वीकार्य स्थानीय नीति में सुधार होना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं कर नियुक्ति प्रणाली की जाती है, तो यह झारखंडी युवाओं के साथ अन्याय होगा. उन्होंने कहा है कि पिछली सरकार में बनाये प्रावधान ऐसे थे, कि लगता था कि इन्होंने दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को खास मदद पहुंचाने के लिए यह नियमावली बनायी थी. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने पहले ही 2021 को नियुक्तियों का वर्ष घोषित किया है. अभी छह माह शेष हैं. झारखंडी युवा परेशान नहीं हो. यह केवल ‘जुमला’ नहीं है.
कुछ दिनों से सोशल मीडिआ के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर झारखण्ड के युवक और युवतियां नौकरियों के प्रश्न पर उद्वेलित है। उनके द्वारा विशेष कर @WeAreRanchi जिन्होंने मुझे टैग किया और आपके द्वारा चलाये जा रहे हैश टैग #jharjhandi_yuva_mange_rojgar का मैं पूर्ण रूपेण समर्थन करता हूँ। pic.twitter.com/QtZ2IN6o8p
— Sudivya Kumar (@kumarsudivya) June 23, 2021
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18 महीने पुरानी इस सरकार के 11 महीने कोविड-19 की भेंट
पिछले दिनों बेरोजगार युवाओं द्वारा सोशल मीडिया में चलाये गये #jharjhandi_yuva_mange_rojgar का समर्थन करते हुए सुदिव्य कुमार ने कहा है कि झारखंडी भूमि पूत्र अगर अपनी सरकार से सवाल नहीं करेंगे, तो किससे करेंगे. जेएमएम विधायक ने कहा है कि 29 दिसम्बर 2019 को शपथ लेने के बाद मार्च 2020 से कोविड-19 के कहर ने देश दुनिया के साथ-साथ झारखंड को भी पूर्णतया ठप कर दिया. नवंबर 2020 से परिस्थितियां सामान्य होनी शुरू हुई, पुनः दूसरी लहर के कारण अप्रैल 2021 से कोरोना के कहर से अब तक सामान्य गतिविधियां संचालित नहीं हो पा रही हैं. यानि कुल 18 महीने पुरानी इस सरकार के 11 महीने कोविड-19 की भेंट चढ़ गए और दो चरणों में सात महीने ही सरकार को सामान्य कामकाज के मिले.
2 करोड़ रोजगार देने के मोदी सरकार से सवाल पूछने की बाबूलाल को साहस नहीं.
वहीं बीजेपी पर झारखंडी युवाओं को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पहले के नियमावली में झारखंडी भाषा भाषियों के ज्ञान को कोई अंक नहीं, कोई जगह नहीं थी. हेमंत सरकार सिर्फ बहाली के लिए कदम नहीं बढ़ा रही बल्कि झारखंडियों की बहाली के लिए काम कर रहे हैं. पूर्व की बीजेपी सरकार में सभी ने अवसरवादी राजनीति का कुरूप चेहरा देखा है. हर वर्ष दो करोड़ नौकरियों का वादा कर के सत्ता में आयी मोदी सरकार से सवाल पूछने का साहस बाबूलाल मरांडी कभी नहीं जुटा पाए.
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