- अमित मंडल ने रोजगार, नियोजन और स्थानीय नीति का मसला उठा
Ranchi : झारखंड विधानसभा में सोमवार को भोजनावकाश के बाद बजट पर चर्चा करते हुए भजपा विधायक अमित मंडल ने रोजगार, नियोजन और स्थानीय नीति का मसला उठाते हुए सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह सरकार क्या करना चाहती है, कहां जाना चाहती है, राज्य को कौन दिशा में ले जाना चाहती है. समझ से परे है. सरकार नौकरी देने के लिए जो नयी नीति बना रही है. हम इसका विरोध करते हैं. सरकार बाहरियों के लिए 40 प्रतिशत ओपन टू ऑल करके रास्ता खोलना चाह रही है. यह सरकार केवल घोषणा और वादों की सरकार बनकर रह गयी है. सरकार रोजगार देने के नाम पर युवाओं को बकरी पालने की सलाह देती है. आदिवासी विकास की बात करने वाली सरकार केंद्र से मिली राशि खर्च नहीं कर पाती है. मनरेगा में 28000 अनियमितता के मामले दर्ज हैं, मगर एक पर कार्रवाई नहीं हुई. वहीं आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो ने रोजगार के मसले पर सरकार को घेरा और जवाब मांगा. निर्दलीय विधायक सरयू राय भी बजट पर सरकार को सुझाव देते हुए विशेषज्ञों की कमेटी बनाने की मांग सरकार से की.
हमारी सरकार अडाणी-अंबानी के विकास के लिए काम नहीं करती- प्रदीप यादव
अमित कुमार मंडल के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सारा ठीकरा केंद्र पर फोड़ते हुए कहा कि हमारी सरकार अडाणी-अंबानी के विकास के लिए काम नहीं करती है. हमारी सरकार अपनी कमाई कर गरीबों का कल्याण करती है. हमारी सरकार पुरानी सरकार का पाप धोने की काम कर रही है. हमारी सरकार सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति बेचकर विकास कार्य नहीं करती है. गोड्डा पावर प्लांट के नाम पर रघुवर सरकार ने झारखंड की जमीन और संपत्ति लुटवाने का काम किया. ईडी, सीबीआई और आईटी के दबाव के बावजूद हमारी सरकार गरीबों के कल्याण में जुटी है. इसलिए सबसे अधिक समय तक झारखंड में राज करने वाली भाजपा को झारखंड के विकास के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, समीर मोहंती ने भी सरकार का पक्ष मजबूती से सदन में रखा और राज्य की दशा के लिए केंद्र और भाजपा को घेरा.
भाजपा ने किया वाकआउट, स्पीकर ने जतायी आपत्ति
प्रदीप यादव ने अपना भाषण शुरू किया, तो भाजपा विधायक विरंची नारायण वेल तक पहुंच गए. इससे पूर्व सीपी सिंह ने सवाल किया कि प्रदीप यादव किस हैसियत से जवाब दे रहे हैं, इसे स्पष्ट किया जाए. वे कांग्रेस विधायक, झाविमो विधायक या निर्दलीय विधायक के तौर पर जवाब दे रहे हैं. इसे मुद्दा बनाते हुए अन्य भाजपा विधायक भी वेल तक पहुंच गये. स्पीकर ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आपके हिसाब से सदन नहीं चल सकता है. जब सदस्य अमित मंडल बात रख रहे थे, सत्ता पक्ष सुन रहा था, इसलिए आपका यह व्यवहार उचित नहीं है. इसके बाद प्रदीप यादव के भाषण के दौरान ही भाजपा विधायक सदन से वाकआउट कर गए.
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