NewDelhi : भाजपा का थिंकटैंक इस बात को लेकर चिंतित है कि हाल के उपचुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नही रहा. खबर है कि इस बात पर मंथन करने के लिए रविवार को भाजपा आलाकमान बैठक करने जा रहा है. बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत सारे दिग्गज मौजूद रहेंगे. सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग के एजेंडे में आने वाले विधानसभा चुनाव, मौजूदा मुद्दों पर चर्चा, राष्ट्रपति के अभिभाषण, शोक प्रस्ताव सबसे ऊपर है.
इंडियन एक्सप्रेस ने भाजपा महासचिव अरुण सिंह के हवाले से कहा है कि हम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर चर्चा करेंगे.
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जेपी नड्डा अपने भाषण से बैठक की शुरुआत करेंगे
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने भाषण से बैठक की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से बैठक का समापन होगा, सूत्रों के अनुसार बैठक में 100 करोड़ टीकाकरण, पेट्रोल डीजल के करों में कमी और पीएम की सफल विदेश यात्राओं पर मंथन होगा. . भाजपा के राज्यसभा सांसद और पार्टी के मीडिया सेल के राष्ट्रीय प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा कि एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बैठक चलेगी.
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टैक्नोलॉजी सपोर्टेड, एक हाइब्रिड बैठक होगी
उन्होंने कहा- “कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पार्टी की बैठक टैक्नोलॉजी सपोर्टेड, एक हाइब्रिड बैठक होगी. बताया कि दिल्ली में हमारे पास एक मंच होगा. सभी राज्यों की राजधानियों में एक-एक स्थान होगा, जहां से राज्य के नेता जो राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में हैं, बैठक में शामिल होंगे. राष्ट्रीय पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे, जबकि राज्य के नेता अपने-अपने शहरों से बैठक में शामिल होंगे.
बोम्मई हनागल विधानसभा क्षेत्र भी नहीं जीत पाये
जान लें कि भाजपा ने पिछले माह 80 नियमित सदस्यों, 50 विशेष आमंत्रितों और 179 स्थायी आमंत्रितों के साथ अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है. पार्टी को उपचुनावों में भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जहां वह एक लोकसभा और तीन विधानसभाओं में हार गयी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हनागल विधानसभा क्षेत्र भी नहीं जीत पाये. जो उनके गृह जिले में पड़ता है.
राजस्थान में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा
राजस्थान में पार्टी उम्मीदवारों की अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है. सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व हार के मद्देनजर अगले साल होने वाले राज्य के चुनावों की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे. सूत्रों के असार कोविड में आर्थिक स्थिति, महामारी के मौसम में सरकार की पहल, किसान आंदोलन और भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर इसका प्रभाव चर्चा के मुख्य बिंदु होंगे.