Bokaro : ठंड व घने कोहरे से केवल आम जनजीवन ही अस्त व्यस्त नहीं है, बल्कि इसका असर फसलों पर भी पड़ने लगे हैं. शीतलहरी के कारण सैकड़ों एकड़ में लगाई गई आलू की फसल बर्बाद हो गई है. आलू के पौधों के पते सिकुड़ गई हैं. उसके तने भी काले पड़ने लगे हैं. एक तरफ किसान सूखे की मार से उबर नहीं पाए, वहीं अब ठंड की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
परेशान हैं किसान
चास प्रखंड के अलकुसा पंचायत के किसान किरण चंद्र महतो ने बताया कि 1 एकड़ में आलू की खेती किया है. जिसमें खाद, पानी सहित अन्य खर्चा लगभग 20 से 22 हजार रूपया आता है. ठंड के कारण फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि फसल बीमा भी नहीं है. आलू की फसल जल गयी जो अभी तैयार भी नहीं हुआ.
खेती पर आश्रित हैं परिवार
अलकुसा पंचायत की शकुंतला देवी ने बताया कि परिवार मिलकर फसल की रोपाई बुनाई करता है. पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित हैं. लेकिन ठंड से रबी फसल खराब हो गई है. आलू तो पूरी तरह बर्बाद हो गया है. उन्होंने कहा कि सुखाड़ से पूरा परिवार प्रभावित तो था ही अब रबी फसल ने भी साथ नहीं दिया. फसल बीमा भी नहीं है. ना ही इसकी जानकारी है.
कृषि विभाग खामोश
कृषि विभाग किसानों की समस्याओं से अनभिज्ञ हैं. बचाव के लिए क्या तरीके होने चाहिए विभाग ने किसानों को कोई जानकारी नहीं दी. लिहाजा फसल की बर्बादी किसान अपनी आंखो से देखते रहे. विभाग ने जागरूकता अभियान तक नहीं चलाया. जिला कृषि पदाधिकारी फोन नही उठाते हैं. विभाग का पक्ष और तैयारियों की जानकारी लेने के लिए उन्हे दो बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया.
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