Bokaro : जरीडीह प्रखंड के गोपालपुर और सुदरो के बीच बहने वाली इजरी नदी पार करने के लिए लोग बांस के पुल का उपयोग कर रहे है. कई वर्षों से इस बांस के सहारे ही लोग नदी पार कर रहे है. इस बांस के पुल पर लगभग 3 हजार ग्रामीणों का आवागमन होता है. लकड़ी के पुल होने के कारण बरसात में लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
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बरसात में हर साल पुल बह जाता है
अधिक बारिश के कारण हर साल पुल बह जाता है. जिसके बाद काफी दिनों तक लोगों का आवागमन नहीं हो पाता. पानी कम होते ही ग्रामीण अपने खर्च से एक बार फिर पुल का निर्माण करते है. बरसात में पुल पार करने के दौरान लोगों को डर भी लगा रहता है. कई बार तो बाइक सवार व स्कूली छात्र नदी में गिर कर घायल हो जाते है. नदी के उस तरफ स्कूल होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी होती है. बच्चे जान जोखिम में डाल कर स्कूल पहुंचते है.
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नदी पार करने के दौरान बच्चे गिर कर जख्मी हो जाते है
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पुल पार करने के दौरान बच्चे नदी में गिर जाते है. जिसे वो लोग जख्मी हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस पुल के बनाने से सुंदरो,धधकीटांड,आमटांड व पेरवाटांड टोले के ग्रामीणों को चार किलोमीटर मुख्य सड़क नजदीक पड़ता है. लेकिन अगर आशा विहार पुल को पार किया जाऐ तो हम लोगों की दूरी पांच किलोमीटर हो जाती है.जिस कारण हम लोगों को बहुत ज्यादा घूमना पड़ता है और समय भी लगता है. चुनाव के समय नेता आते हैं और बोलते हैं कि अगर जीत जाते हैं तो पुल का निर्माण अवश्य करा देंगे.
विधायक से लगायी मदद की गुहार
इस क्षेत्र के ग्रामीण विधायक जय मंगल सिंह से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि अगर पुल का निर्माण होता है तो हमे 5 किलोमीटर का रास्ता के लिए 15 किलोमीटर तय नहीं करना पड़ेगा. बीमार पड़ने वाले लोगों को भी काफी परेशानी होती है.
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