Bokaro : नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने डीसी को 20 नवंबर तक सभी कार्यों को निबटाने का निर्देश दिया है. जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी माह के अंत तक चुनाव की मुनादी हो सकती है. इधर राज्य निर्वाचन आयोग के फरमान के बाद जिला प्रशासन और चास नगर निगम रेस हो गया है.
चास नगर निगम का चुनाव नए आरक्षण रोस्टर के मुताबिक होगा. नये रोस्टर में पूर्व के सामान्य वार्डो का स्वरूप बदल दिया गया है. अब वह सभी आरक्षित सीट हो गईं हैं. साथ ही कई आरक्षित वार्डो की सीट अनारक्षित कर दी गईं हैं. बता दें कि निगम का बोर्ड विगत सवा दो वर्ष पूर्व ही भंग कर दिया गया है. वर्ष 2020 से ही चुनाव लंबित हैं. दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक चुनाव संपन्न होने की पूरी उम्मीद है.
मतदाता सूची का हो चुका है प्रकाशन
मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम संपन्न होते ही प्रकाशन भी वार्डवार हो चुका है. बिखंडीकरण कार्य भी संपन्न हो गया है. सभी वार्डो के नए परिसीमन, उसके आरक्षण, आरक्षण रोस्टर की औपचारिकताएं पूरी करनी बाकी है. इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को एक सप्ताह पूर्व ही जिला से सूची भेजी जा चुकी हैं.
1,48,907 मतदाता करेंगे 35 वार्डो के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
नगर निगम चास में कुल 1 लाख 48 हज़ार 907 मतदाता है. जिनमे 78 हज़ार 665 वोटर पुरुष व 70 हज़ार 206 महिला वोटर और थर्ड जेंडर के 16 मतदाता शामिल हैं. चास नगर निगम में कुल 35 वार्ड है. कुल 130 मतदान केंद्र बनाए जायेंगे. जिनमे से 16 वार्ड महिलाओं और तीन वार्ड अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित है. एक वार्ड अनुसूचुत जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया हैं.
वार्डवार आरक्षण की स्थित पर एक नज़र
- अनारक्षित अन्य वार्ड संख्या – 01, 06, 07, 09, 19, 17, 27, 13, 14, 15, 18, 22, 25, 29, 32, 34
- आरक्षित महिला वार्ड संख्या – 02, 03, 04, 08, 10, 11, 12, 21, 23, 24, 28, 30, 31, 33, 35
- अनुसूचित जाति अन्य – वार्ड संख्या – 16, 20
- अनुसूचित जनजाति अन्य – वार्ड संख्या – 05
- अनुसूचित जाति महिला – वार्ड संख्या 26
….और बिगड़ गया गणित
पूर्व के परिसीमन और आरक्षण के अनुरूप इस बार वार्डो का स्वरूप बदलेगा. कई प्रत्याशियों को आरक्षण की वजह से वार्ड बदलने पड़ेंगे. ऐसे में उनका चुनावी डगर उनके लिए आसान नहीं होगा. महीनों से पसीना बहा रहे दावेदारों की उम्मीदें वार्डों के आरक्षित होने से धाराशाई हो गई हैं. उन्हें अब उनका चुनावी गणित फेल होने का डर उन्हे सता रहा है.
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