Bokaro: बाल अधिकार संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया. इस अभियान का संचालन कार्यक्रम निदेशक शिक्षाविद-सह-मनोवैज्ञानिक डॉक्टर प्रभाकर कुमार एवं रॉयल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य मुकेश कुमार के द्वारा किया गया. जिले में लगातार बाल उत्पीड़न की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बच्चों में मानसिक शारिरिक भावनात्मक रूप से परेशानी देखी जा रही है. जिसके फलस्वरूप विकास पोषण की प्रक्रिया अवरुद्ध हो रही है. बच्चों में बाल उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं ने भटकाव की स्थिति पैदा कर दी है. बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु इसी क्रम में जागरूकता अभियान के माध्यम से बाल अधिकारों की समुचित जानकारी बच्चों, उनके माता पिता, परिवारों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. इस दौरान बच्चों में मनोबल बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान के संबंध में कई सवाल भी पूछे गये.
![बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता अभियान के तहत बच्चों से संवाद](https://english.lagatar.in/wp-content/uploads/2021/04/WhatsApp-Image-2021-04-04-at-18.34.06.jpg)
‘बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं’
बाल विवाह के माध्यम से बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल यौन उत्पीड़न सहित बाल कानूनों, सुरक्षा अधिकार के लिये किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो कानून आदि की जानकारी के साथ बच्चों के 24 घंटे मिलने वाली आपातकालीन नंबर 1098 की जानकारी दी गई. डॉक्टर प्रभाकर ने बताया कि जिले में बच्चों के कौन कौन स्टेकहोल्डर्स आदि हैं. विभिन्न प्रकार के शोषण में 5 से 12 वर्ष तक के उम्र के सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं. जिसमें शारीरिक शोषण, यौन शोषण, मानसिक शोषण, भावनात्मक शोषण व बालिका उपेक्षा आदि शामिल हैं. वहीं रॉयल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य मुकेश कुमार ने कहा कि, बच्चे किसी देश या समाज की अहम संपत्ति होते हैं. जिनकी सुरक्षा, पालन पोषण, शिक्षा एवं विकास का दायित्व भी राष्ट्र व समुदाय की होती है. क्योंकि भविष्य में ये बच्चे देश के निर्माण व राष्ट्र के उत्थान के आधारस्तंभ बनते हैं.
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