Bokaro : जिले में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के दुग्धा कोल वाशरी लगभग डेढ़ महीने से ठप पड़ गया है. यहां से बोकारो इस्पात जैसे संयंत्र को वॉशकोल की आपूर्ति की जाती थी. यह वॉशरी 1961 में अस्तित्व में आया था, जिसका रोज का उत्पादन 3000 टन था. वर्तमान में इसका प्रोडक्शन घटकर 1500 टन मात्र रह गया. फिलहाल कुल 392 कर्मचारी इस में कार्यरत है.
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बीसीसीएल के उदासीनता व राजनीति के कारण हो रहा बंद
कलांतर की अतीत ने कुछ ऐसी यादगार छोड़ दी जो केवल यादों में सिमट गई. मालूम हो बीसीसीएल के उदासीनता व राजनीति के कारण दुग्दा का ये वॉशरी बंदी के कगार पर खड़ा हो गया है, लगभग डेढ़ महीने से दुग्दा कॉल वॉशरी का उत्पादन ठप पड़ा है. जिस पर ना तो बीसीसीएल मैनेजमेंट ध्यान दे रहा है और ना ही जिला प्रशासन.
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वॉशरी बंद होने की डर 392 कर्मचारियों को भी सता रहा
बंदी का कारण जिले के माइनिंग विभाग के द्वारा कॉल रॉयल्टी को भी माना जा रहा है. वॉशरी बंद होने की डर 392 कर्मचारियों को भी सता रहा हैं. वहीं इस मामले में यूनियन के नेता बीसीसीएल मैनेजमेंट को दोषी मान रहे हैं. इनका कहना है कि बीसीसीएल मैनेजमेंट बंदी की साजिश कर रही है तो वहीं केंद्र सरकार इसे बचाने का प्रयास भी नहीं कर रही है. आज दुग्दा क्षेत्र के आसपास की 50000 की आबादी इस वॉशरी पर निर्भर है. जिनका रोजी-रोटी छीन जाने का भी डर उन्हें खाये जा रहा है.
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