Bokaro : चास नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्र में कराए जा रहे 13 तालाबों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और तालाब को घेरने के लिए बांध निर्माण कार्य कछुए की गति चल रहा है. विभाग ने एक साल के भीतर कार्य पूरा करने का डेड लाइन लाइन निर्धारित किया था. 8 महीने बीत गए, कार्य 20% ही पूरा हो पाया है. तालाबों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण चास निगम क्षेत्र में किया जा रहा है. इसके लिए निगम ने 11 करोड़ 51 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया है. निगम ने मार्च 2022 में टेंडर जारी किया था. कार्य शुरू होने के बाद रफ्तार तेज होने के के बजाए शिथिल पड़ गया. ऐसा विभागीय अधिकारियों तथा ठेकेदारों की लापरवाही से हो रहा है.
चास नगर निगम को वित्तीय वर्ष 2016-17 में मत्स्य विभाग की ओर से 18 सरकारी तालाबों का स्थानांतरण किया गया. फंड के अभाव में उस समय इन तालाबों का जीर्णोद्धार और बांध निर्माण नहीं कराया जा सका. निगम के नगर विकास विभाग की ओर से अमृत योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार और बांध निर्माण का निर्देश जारी किया गया. विभाग ने इसके लिए राशि भी आवंटित कर दी.
ये हैं आंकड़ें
वार्ड संख्या 14 में पुराना बांध तालाब के जीर्णोद्धार पर सबसे अधिक एक करोड़ 64 लाख 76 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे. वार्ड संख्या 18 स्थित महतो तालाब बांध के निर्माण कार्य पर 20 लाख 8250 रुपए का बजट है. वार्ड संख्या 25 स्थित भवानीपुर तालाब के जीर्णाोद्धार पर 1 करोड़ 66 हजार 400 रुपए खर्च किए जाएंगे. कमालिया तालाब जीर्णोद्धार पर 1 करोड़ 1 लाख 36 हजार 700 रुपए खर्च किए जाएंगे. वार्ड संख्या 25 स्थित तालाब बांध निर्माण पर 62 लाख 6,500 रुपए की लागत आएगी. मैथन तालाब बांध निर्माण पर 1 करोड़ 10 लाख, 30,600 रुपए खर्च किए जाएंगे. बुधनी बांध पर 1 करोड़ 90 लाख 1,900 रुपए का बजट है. रामरुद्रा प्लस टू उच्च विद्यालय स्थित बांध पर 1 करोड़ 27 लाख 17 हजार 900 रुपए खर्च किए जाएंगे, तेलीडीह साइड बांध पर 68 लाख 23,500 रुपए की लागत आएगी. सुल्तान नगर बांध निर्माण पर 92 लाख 25,500 रुपए का बजट है. ठाकुर टोला बांध पर 72 लाख 81000 रुपए खर्च किए जाएंगे. वार्ड संख्या 18 स्थित महतो बांध निर्माण पर 20 लाख 15,150 रुपए खर्च करने का बजट है.
क्या होगी इन तालाबों की उपयोगिता
भूगर्भ जल का स्तर दिनों दिन घटता जा रहा है. जलस्तर खिसकने से पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है. इन तालाबों में जल संचय कर रखा जाएगा. जल संकट आने पर तालाबों से पानी की सप्लाई होगी. किसानों को भी खेती के लिए पानी दिया जाएगा. तालाबों का सौंदर्यीकरण करने से लोगों को सैर-सपाटे में सुविधा होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
निगम के कनीय अभियंता प्रमोद पांडे ने बताया कि निर्धारित अवधि के भीतर कार्य पूरा करने की कोशिश जारी है. समय एक वर्ष का निर्धारित था. बारिश के मौसम में कार्य शिथिल रहा. अब तेज गति से कार्य जारी है.
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