Bokaro : दी पेन्टिकॉस्टल असेम्बली स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ताकि बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनके चरित्र निर्माण और सर्वांगीण विकास भी हो. इस साल कार्यक्रम की थीम “एकता में बल” था. बोकारो इस्पात संयंत्र के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फाइनेंस एंड अकाउंट्स सुरेश रंगानी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. प्रमुख शैक्षणिक अधिकारी रीता प्रसाद और निदेशक डॉक्टर डी एन प्रसाद ने ईश्वर वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद श्वेता कुमार ने स्वागत भाषण दिया.
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34 विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत
स्कूल के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया. जिसमें कक्षा 6 से 12वीं तक के कुल 137 विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया. दूसरी ओर 34 विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने के लिए पुरस्कृत भी किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में कुल 171 विद्यार्थियों शामिल हुए.
“आज़ादी का अमृत महोत्सव” पर प्रस्तुत नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र
एक ओर जहां स्कूल के बच्चों ने विभिन्न राज्यों का मनमोहक नृत्य (जैसे- बंगाली, पंजाबी, झारखंडी, हरियाणवी, बीहू) किया गया. दूसरी ओर दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों ने प्रार्थना गीत और नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में “आज़ादी का अमृत महोत्सव” विषय पर आधारित नृत्य आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा.
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अपने बच्चों को कार्यक्रम में हिस्सा लेते काफी खुश हुए अभिभावक
“एकता में बल” थीम ने ना केवल दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा, बल्कि सही मायने में एकता का पाठ पढ़ाने में सफल रहा. पेरेंट्स अपने बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते देख फूले नहीं समा रहे थे. अभिभावकों के लिए यह बड़े ही हर्ष और उल्लास की बात थी.
बच्चों को देश-समाज की संस्कृति से अवगत कराना मुख्य उद्देश्य-प्रींसिपल
कार्यक्रम के संबोधन में प्रींसिपल डॉ करुणा प्रसाद ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य स्कूलों के बच्चों को अपने देश और समाज की संस्कृति से अवगत कराना और भावी जीवन के लिए सामाजिकता की भावना भरना है. डॉ करुणा प्रसाद ने विद्यार्थियों की सहभागिता की सराहना की. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण के लिए यह उचित समय है. इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम से बच्चों का चारित्रिक और मानसिक विकास भी होता है.
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विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम जरूरी
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुरेश रंगानी ने कहा कि विद्यार्थियों को शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करने के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल होना चाहिए. ताकि उनकी योग्यता और क्षमता का विकास हो. साथ ही बच्चे अपने समाज और देश की संस्कृति से जुड़े रहे. उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम अति आवश्यक है.
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