Bokaro : रोक के बवाजूद बोकारो ज़िले के गवई, बराजो, दामोदर सहित कई नदियों से बालू की तस्करी जारी है. इस गोरखधंधे में सतापक्ष व विपक्ष के राजनेता सहित कई बड़े रसूख रखने वाले सफेदपोश शामिल हैं.
जिला प्रशासन ने नदियों से बालू के खनन पर पूरी तरह से रोक लगाया है. बावजूद अदिता स्थित गोवई नदी, दामोदर नदी घाट से दिन हो या रात, जमकर बालू का उठाव हो रहा है. आलम यह है कि पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों के सामने से गाडियां गुजरती है. खुलेआम गाडियां सड़कों पर घंटो खड़ी कर ग्राहक की तलाश की जाती है. चास समेत चंदनकियारी के मंडी मे बेचा जा रहा है.
3000-4500 रूपये प्रति ट्रैक्टर में बेचा जा रहा बालू
अवैध बालू को चास, मामरकुदर, बहादुरपुर, सीमाबाद, हबूली, चास, बोकारो, पिंड्रजोरा, चंदनकियारी, सभी सेक्टरों सहित क्षेत्र के विभिन्न हिस्सो में बेचा जाता है. क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में खपाने के लिए करीब 16 ट्रैक्टर चंदनकियारी व चास में 22 गाडियां दिन रात लगी होती हैं. खुले बाजार में गोवाई का बालू तीन हज़ार से साढ़े तीन हज़ार रूपये जबकि दामोदर नदी का बालू चार हज़ार से साढ़े चार हज़ार रूपये प्रति ट्रैक्टर बेचा जाता है. सूत्र कहते हैं कि बालू तस्करों की सेटिंग सभी थाना, ओपी से लेकर ऊपर तक है, तभी सबकुथछ खुलाम हो रहा है.
नील है बोकारो का स्टॉक
बोकारो जिले में कुल 35 बालू घाट है. इन घाटों की नीलामी नही हुई है. बोकारो में बालू के लिए तीन जगहों पर भंडारण है. सभी जगहों के स्टॉक मे बालू नहीं है. ऐसे में बालू का चालान निर्गत नही किया जा सकता है. इसका मतलब है कि सड़कों पर दिखने वाला बालू पूरी तरह अवैध है. अगर बालू की तस्करी जारी है तो प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लाज़िमी हैं.
…..और खड़े हो गए कई आलीशान बंगले
बालू खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है. लेकिन सैकड़ों आलिशान महल खड़े हो गए. जिसमे तीन दर्जन से अधिक सरकारी भवन है. भवन निर्माण विभाग में टेंडर जारी है. उसकी प्रगति रिपोर्ट भी सरकार के सचिव को भेजी जाती है. लेकिन विभाग ने सवाल नही किया कि जब खनन प्रतिबंधित है तो बालू की आपूर्ति कैसे संभव हुई. सवाल पूछे गये तो सरकार, प्रशासन और पुलिस सभी कटघरे में होंगे.
सवालों में बरमसिया ओपी प्रभारी
अवैध खनन को लेकर अदिता पंचायत के मुखिया कार्तिक रजवार व पंचायत समिति सदस्य सलमा खातून ने खनन विभाग, डीसी, एसडीओ, एसपी को लिखित शिकायत दी है. कहा है कि बरमसिया ओपी प्रभारी की मिलीभगत से यहां बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है. ओपी प्रभारी फोन तक नहीं उठाते हैं. बालू उत्खनन रोकने पर अभद्र व्यवहार व जान से मारने की धमकी तक देते हैं. विभागीय अधिकारी कभी कभार दिखावे के लिए छापेमारी कर अपना कर्तव्य निर्वहन कर लेते है. छापेमारी के पूर्व खनन माफियाओं को इसकी सूचना दे दी जाती हैं.
गड्ढ़ों में डूबकर हो चुकी है तीन मौतें
अदिता पंचायत के मुखिया कार्तिक रजवार ने कहा कि बालू तस्करी बस्तूर जारी है. हमने जिले के सभी अधिकारियों को पत्र लिखा है, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. पंचायत समिति सदस्य सलमा खातून के पति मोहम्मद अंसारी ने बताया कि बालू खनन से हुए गड्ढ़े में डूबने से अबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं. 4 नवंबर को लिखित सूचना प्रशासन को दिया, परंतु किसी ने नहीं सुनी.
मंडरा रहा है भूस्खलन का खतरा
जिन जगहों से बालू का उठाव हो रहा है, वहां किए गए गढ़े जानलेवा साबित होंगे. वहां भूस्खलन का खतरा उत्पन्न हो गया है. जेसीबी जैसी भारी भरकम मशीनों के इस्तेमाल से नदी गहरी हो गई हैं.
अधिकारी नहीं उठाते फोन
खनन विभाग के अधिकारी फोन नही उठाते हैं. हमारे संवाददाता ने जिला खान निरीक्षक जितेंद्र कुमार के मोबाइल नंबर 9110170451 पर बुधवार को 11.58 में फोन किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
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