Bokaro : बच्चों को अनुभव और गतिविधि आधारित शिक्षा से जोड़कर प्रतिभा निखारने की दिशा में डीपीएस बोकारो में इन दिनों बैगलेस डे के तहत विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत बच्चों को सृजनात्मक व कलात्मक कौशल के साथ-साथ खेल, बागवानी, तकनीक, पर्यावरण-संरक्षण, फायरलेस-कुकिंग सहित विभिन्न गतिविधियों में सम्मिलित किया जा रहा है. बुधवार 22 मार्च को बच्चों ने एनवायर्नमेंटल आर्ट (पर्यावरण कला) के विभिन्न पहलुओं की जानकारी हासिल की. प्रकृति में सहजता से उपलब्ध विभिन्न चीजों से अनूठी कलाकृतियों का निर्माण कर अपनी रचनात्मक व कलात्मक प्रतिभा का परिचय दिया. सूखे और हरे पत्तों, झाड़, कचरे में फेंकी गई लकड़ियों की छीलन, पत्थरों, शहतूत, फूल आदि की मदद से जनजातीय लोगों के चेहरे, आकर्षक गुड़िया और भगवान गणपति की आकर्षक आकृति तैयार की.
इको क्लब गार्डन में बच्चों ने बागवानी के गुर सीखे. विद्यार्थियों ने ग्राफिक डिजाइन, जुम्बा डांस, बैडमिंटन, फुटबॉल, गिटारवादन, गायन, तबलावादन, योगाभ्यास सहित अन्य कई गतिविधियों में भी भाग लिया. प्राइमरी के बच्चों ने कागज, रद्दी अखबार, बेकार वस्तुओं से सुंदर कलाकृतियां तैयार की. इसके बाद उन्हें फायरलेस कुकिंग के तहत भांति-भांति के व्यंजन तैयार करने की भी कला सिखाई गई. उन्हें मंदिर व अन्य दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया गया. 28 मार्च तक ये गतिविधियां जारी रहेंगी.
प्राचार्य डॉ एएस गंगवार ने कहा कि किताबी ज्ञान के साथ-साथ हर बच्चे की प्रतिभा निखारकर उसे एक सफल नागरिक बनाने की दिशा में यह जरूरी है. गतिविधि आधारित बैगलेस डे का आयोजन भी इसी की एक कड़ी है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए डीपीएस बोकारो कटिबद्ध है.
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