Bokaro : अनुभव आधारित स्टडी टूर के तहत शुक्रवार को डीपीएस बोकारो के चौथी कक्षा के 200 से अधिक बच्चों ने बोकारो के प्रधान डाकघर का दौरा किया. बच्चों ने डाक विभाग के कामकाज के तौर-तरीकों और बदलते समय के साथ डाक विभाग की अत्याधुनिक सुविधाओं की भी जानकारी ली. विद्यार्थियों को डाक विभाग के गौरवशाली अतीत, चिट्ठियों और डाक टिकटों की रंग-बिरंगी दुनिया व देश और देशवासियों को जोड़ने में डाककर्मियों की भूमिका के बारे में बताया गया.
बच्चों को चिट्ठियों को भेजने की चरणबद्ध जानकारी के साथ-साथ डाक पार्सल, आधार सेंटर की कार्य-प्रणाली, सुकन्या समृद्धि योजना, बचत योजना, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, फिलाटेली अकाउंट आदि के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया. बच्चों को विशेष रूप से फिलाटेली यानी डाक टिकटों के संग्रह के बारे में जानकारी दी गई. डाकपाल सतीश कुमार ने कहा कि डाक टिकटें अपने-आप में ज्ञान का सागर और अनुपम धरोहर हैं. हर कालखंड में विभिन्न विषय-वस्तुओं और घटनाओं को रेखांकित करते हुए डाक टिकट जारी किए गए हैं. उनका संग्रहण करने से जहां ज्ञान के स्तर में वृद्धि होती है, वहीं ये टिकटें आर्थिक संबलता का भी माध्यम हैं. समय के साथ विशेष डाक टिकटों की कीमत लाखों में पहुंच जाती है. इस क्रम में बच्चों को विभिन्न प्रकार के पोस्टल स्टांप दिखाए गए. डाकघर परिसर बच्चों के कोलाहल और उनकी चहल-पहल से गुलजार बना रहा.
विभाग की ओर से डाकपाल सतीश कुमार, पीएलआई सीपीसी मैनेजर संतोष कुमार सिंह, विपणन (मार्केटिंग) विभाग के डाककर्मी कौशल कुमार उपाध्याय, देवी प्रसाद चटर्जी, प्रदीप कुमार पांडेय, सहायक डाकपाल (मेल) सिंधु व उपडाकपाल वीरेंद्र कुमार ओझा ने डाक प्रणाली के बारे में विस्तार से समझाया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में डाक विभाग के उक्त पदाधिकारियों व कर्मियों के अलावा सुनील कुमार, रामदास कपूर, श्रेया कुमारी आदि तथा डीपीएस बोकारो की टीम में बच्चों के साथ आए शिक्षक अमित दासगुप्ता, प्रणति दास, रानी प्रेमलता झा, प्रीति मिश्रा, अमित कुमार पांडेय, प्रतिभा सिन्हा, संजीव कुमार व अन्य की सराहनीय भूमिका रही.