दिनेश कुमार पांडेय
Bokaro: जिले में अवैध बालू खनन बेरोकटोक जारी है. बालू उठाने का काम रात के अंधेरे में शुरू होता जो सुबह 4 बजे तक चलता है. लोगों का कहना है कि बालू माफिया की अधिकारियों से साठगांठ से ये धड़ल्ले से चल रहा है. इसके एवज में अधिकारियों को मोटी रकम मिलती है. यही वजह है कि जानकारी होने के बावजूद अधिकारी खामोश रहते हैं. जबकि बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया था. कुछ दिनों तक अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाया गया. लेकिन अब यह अभियान बंद कर दी गई हैं.
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एनजीटी ने लगाया है रोक
बतादें कि एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू खनन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद बालू के दर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो गई. 1,500 से 2,200 रुपए तक मिलने वाला बालू 6,500 से 7,000 रुपए में मिल रहा है. बोकारो में कुल 38 बालू घाट है. वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2017-18 में 38 बालू घाटों की नीलामी हुई थी. 35 बालू घाटों की खनन अवधि जुलाई 2019 में ही समाप्त हो गई थी, वहीं तीन घाटों की अवधि नवंबर 2019 में समाप्त हुई. ऐसी स्थिति में बालू खनन कार्य बंद हो गया है. लिहाजा जरूरतें पूरी करने के लिए बालू माफिया सक्रिय हो गए.
बालू माफियाओं के लिए सेफजोन दामोदर नदी
बालू का उठाव दामोदर नदी से होता है. नदी दो जिलों की सीमाओं को बंटवारा करती है. एक तरफ बोकारो तो दूसरे ओर धनबाद जिला है. माफिया दोनों तरफ सेटिंग करते हैं और रात में बजाप्ता अर्थमुवर से गाड़ियां लोडिंग होती है. बालू के गाड़ियों की रेकी करके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता हैं. पैसा फेंको तमाशा देखो की तर्ज पर बालू की जरूरतें पूरी हो रही हैं. कई अपार्टमेंट, पब्लिक सेक्टर के घर, सरकारी कार्य सभी सुचारू रूप से चल रहे हैं. हालांकि बालू के लिए अधिक पैसे देने पड़ते हैं.
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क्या कहती है पब्लिक ?
सेक्टर टू सी. निवासी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि बालू मिल रहा है. कीमत अधिक लिया जा रहा है. आमजनता को काफी परेशानी होती है. व्यवसायी 5 बजे सुबह के बाद डिलेवरी नही देता है. वहीं जिला खनन पदाधिकारी रवि सिंह ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. किसी भी कीमत पर अवैध कारोबारी बख्शे नही जायेंगे. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर है.