Bokaro : अब घड़ी महिलाओं व बेटियों को सुरक्षा प्रदान करेगा. डीपीएस बोकारो में 9 वीं कक्षा की मेधावी छात्रा अंजलि शर्मा ने खास घड़ी बनाई है, जिसे उसने गर्ल्स सेफ्टी ऑटोमेटिक कॉलिंग वॉच नाम दिया है. इस घड़ी की मदद से मुश्किल में फंसी महिलाएं या बेटियां बटन दबाकर अपनी हिफाजत कर सकेंगी. घड़ी में बटन दबाते ही परिजन व पुलिस थाने की फोन बज उठेगी. फोन के साथ-साथ एसएमएस भी पहुंचेगा. घड़ी में लगे जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की मदद से परिजन और पुलिस मिनटों में पहुंच सकेंगे.
अंजलि ने बताया कि एक बार उसकी मां राखी गौरव बस से सफर कर रही थी. बस में उनके साथ कुछ अनहोनी हुई. उनकी मदद करने कोई सहयात्री नहीं आए. किसी प्रकार पुलिस को सूचित किया गया. उस समय अंजलि दो वर्ष की थी. इस घटना ने उसे सेफ्टी कॉलिंग वॉच बनाने को प्रेरित किया. उसने ठान लिया कि वैसा उपकरण तैयारी करूंगी जो विपत्ति में फंसे महिलाओं व बेटियों को सुरक्षा प्रदान करेगी.
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत इस नवोन्मेष के लिए अंजलि का चयन हुआ है. प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए प्राथमिक स्तर पर उसे 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी मिली है. एमसीयू (माइक्रोकंट्रोलर यूनिट) आधारित इस वॉच में सेंसर, दो पुश बटन, एलसीडी स्क्रीन, एलईडी ग्लो, वाई-फाई युक्त जीएसएम (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन) मॉड्यूल और सिम-कार्ड की जरूरत होती है. एम्बेडेड सिस्टम में एमसीयू मुख्य घटक सर्किट बनाता है. इसमें प्रोसेसर इकाई, मेमोरी मॉड्यूल और कम्युनिकेशन इंटरफेस लगा होता है. एमसीयू में लगे चिप में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की मदद से वह नंबर फीड किया जाता है, जिस पर फोन किया जाना है. आपातकाल में घड़ी में लगे बटन दबाते ही सेंसर एक्टिव हो उठता है तथा माइक्रोकंट्रोलर को सूचित करता है. सिम के जरिए सीधे कंफीगर किए मोबाइल नंबर का फोन बज उठता है. एक बटन से अभिभावक तथा दूसरे से पुलिस को सूचित किया जा सकता है. एलईडी ग्लो वाले सेंसर से कॉल कनेक्ट होने का पता चलता है. इंटरनेट की मदद से जीपीएस के जरिए फोन रिसीव करने वाले के फोन में लोकेशन भी पहुंच जाता है.
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