अधिकारियों की लापरवाही के कारण घटी घटना
इस हादसे को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे अधिकारियों के लापरवाही के कारण यह घटना घटी है. हादसे के दौरान घटनास्थल पर कंपनी का कोई साइड इंचार्ज नहीं था. ना ही रेलवे का कोई इंजीनियर वहां मौजूद था. रेलवे की लापरवाही से एक मजदूर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
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सुरक्षा मानकों का नहीं किया जा रहा इस्तेमाल
शिबूटांड के ग्रामीण कन्हाई प्रसाद महतो का कहना है कि कि बिना सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल किये ठेका कंपनी मजदूरों से काम कराते थे. साइट पर काम कर रहे मजदूर बिना जूता और हेलमेट पहने काम कर रहे थे. अगर मजदूरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते को शायद मजदूर की जान नहीं जाती.
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रेलवे और ठेका कंपनी के अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे
ग्रामीण अरविंद कुमार का कहना है कि घटना के बाद रेलवे और ठेका कंपनी के अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे. अधिकारी रात से यहां से गायब हैं और साइड इंचार्ज भी भाग गया है. घटना के बाद अधिकारियों को फोन भी लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. ग्रामीणों ने खुद ही मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला.
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आडाज इंफ्राटेक द्वारा किया जा रहा पुल का निर्माण कार्य
मालूम हो कि अंडर ग्राउंड पुल का निर्माण कार्य का ठेका कृषि इंफ्राटेक कंपनी को मिला है. कृषि इंफ्राटेक ने इस कार्य को पेटी ठेके में कोलकाता की कंपनी आडाज इंफ्राटेक को दे है. इसी कंपनी द्वारा यह कार्य किया जा रहा था. पुल की ढलाई के लिए रड बांधा जा रहा था. उसी समय बांधा गया सेंटरिंग खिसक गया. जिसके कारण पूरा रॉड का स्ट्रक्चर मजदूरों के ऊपर गिर गया.
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