Bokaro : बोकारो जिले के जरीडीह के तिलैया में गुरुवार को सरहुल महोत्सव मनाया गया. मांझी हाड़ाम व नायके हाड़ाम ने जाहेरथान में परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना की. मांझी हड़ाम करमचंद मांझी व नायके हरिचरण सोरेन ने पूजा के बाद बकरे की बलि चढ़ाई. महोत्सव में बंगाल से आई महिला मंडली की कलाकारों ने बाहा नाच प्रस्तुत कर समा बांध दिया. मुख्य अतिथि टुंडी विधायक मथुरा महतो ने कहा कि सभी को आदिवासी संस्कृति में एक साथ मिलजुलकर खुशी मनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए. प्रकृति की खूबसूरती का पर्व सरहुल हमेशा खुश रहने का संदेश देता है. महोत्सव में झामुमो नेता संतोष रजवार, पूर्व मुखिया सिकंदर कपरदार, शिक्षक धनेश्वर मांझी, सोहेल अंसारी समेत अन्य लोग उपस्थित थे. मोचरो व सिलीसाड़म में भी सरहुल पर्व की धूम रही. वहां बाहा नाच देखने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. मौके पर माणिक महतो, धनेश्वर सोरेन, मंगरु सोरेन, हरिचरण सोरेन, शिबलाल बेसरा, दिलीप सोरेन, मलिन सोरेन, जीतलाल मांझी, हरिकिस्टो सोरेन, रामसुंदर मरांडी, शिवलाल मरांडी, वीरेंद्र बेसरा, महेश मुर्मू व अन्य सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुष मौजूद थे.
कसमार के निछानी में धूमधाम से मना सरहुल
Bokaro : कसमार प्रखंड के मोचरो स्थित निछानी में गुरुवार को सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया. आदिवासी समाज के लोगों ने परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना की. ढोल-मांदर की थाप पर ग्रामीण जमकर थिरके. गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. विधायक ने लोगों को त्योहार की शुभकामनाएं दी. कहा कि यह पर्व मानव का प्रकृति से अटूट संबंध को दर्शाता है और सभी को प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन का संदेश देता है. मौके पर जिप सदस्य अमरदीप महाराज समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण मौजूद थे.