कई किसानों को हुई है भारी क्षति
Bokaro: पिछले पांच दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से खेती-किसानी में मुनाफा व घाटा दोनों तरह की परिस्थिति सामने आई है. धान की फसलों के लिए यह बारिश राहत का संदेश है, वहीं रबी फसलों के लिए यह बारिश आफत बनकर किसानों पर कहर ढा रही है. बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के चंडीपुर, खूंटा व पेटरवार प्रखंड के लुकैया भंगाठ व चांदो के किसानों ने बारिश में हुए नुकसान की दर्द बयां की है. चंडीपुर के किसान शंकर महतो ने बताया कि इस वर्ष धान की फसल की उम्मीद नहीं की थी. मनसा पूजा के बाद भी क्षेत्र में किसानों ने धनरोपनी जारी रखा.
करमा परब के बाद अचानक बदला मौसम
इधर करमा परब के बाद अचानक मौसम ने करवट ली और हथिया नक्षत्र में तो धान की फसलों के लिए राहत की बारिश हो गयी. इससे धान की खेती को लेकर किसान तो खुश हैं. दूसरी ओर यही मूसलाधार बारिश रबी फसलों पर आफत बनकर बरसा है. फिलहाल किसानों के खेत में रबी फसलों में मकई, बैगन, भिंडी, नेनुआ, बीन्स, गोबी, कुरथी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. शंकर महतो ने बताया कि खेतों में मकई व बैगन तोड़ने की स्थिति में था, लेकिन लगातार बारिश से दोनों फसलें चौपट हो गईं हैं.
सभी किसानों को नहीं मिलता फसल बीमा का लाभ
किसान भागवत महतो ने बताया कि 2018 का फसल बीमा का लाभ चंडीपुर पंचायत के किसानों को आजतक नहीं मिला, जबकि पूरे प्रखंड में लगभग भुगतान हो चुका है. इसको लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों समेत स्थानीय सांसद, विधायक व पंचायत प्रतिनिधियों को लिखित व मौखिक शिकायत की गयी, लेकिन किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला.
सब्जियों की आवग होगी कम, बढ़ जाएंगे दाम
मालूम हो कि बोकारो जिले में कसमार व पेटरवार प्रखंड के कई गांव में अधिकतर किसानों की रोजी-रोटी खेती पर ही निर्भर है. इन्हीं क्षेत्रों से बोकारो समेत आसपास के शहरी क्षेत्रों में सब्जियों की सप्लाई की जाती है. मौसम की मार से सब्जियों की कमी के साथ ही दाम में भी बढ़ोतरी की संभावना है. किसानों ने कहा है कि बारिश से नष्ट हुए फसलों का मुआवजा सरकार को देना चाहिए.
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