- लातेहार गारू प्रखंड के पीरी गांव के गनइखाड़ टोला में मांडर विधायक, कहा‘सरकार से कहा‘मृतक के परिजनों हर सम्भव मदद दिलाने की करेंगे प्रयास
- घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कराई जाएगी कड़ी कार्रवाई
Ranchi: लातेहार के गारू प्रखंड के पीरी गांव के गनइखाड़ टोला में बीते दिनों सुरक्षाबलों के द्वारा मारे एक ग्रामीण के परिवार से मिलने मांडर विधायक पहुंचे. बंधु तिर्की ने कहा, इस तरह की हृदय विदारक घटना काफी निंदनीय है. यह सुरक्षाबलों से बहुत बड़ी चूक हुई है. ग्रामीण ब्रह्मदेव नक्सली नहीं था, उसे नक्सली के नाम पर मारा गया है.
इसकी पुष्टि जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा भी की गई है. ऐसे में ब्रह्मदेव की मौत का जिम्मेदार पुलिस प्रशासन को ही माना जाएगा. इस दौरान एसडीओ, महुआडांड़ के सामाजिक कार्यकर्ता शशि पन्ना, कांग्रेस पार्टी के लातेहार जिला के जिला अध्यक्ष मुनेश्वर उरांव सहित कई लोग उपस्थित थे. बंधु तिर्की ने वहां के लोगों से रूबरू होकर आज की स्थिति की जानकारी ली. बता दें कि गनइखाड़ में लगभग 30 घर हैं और यहां के लोग जंगल के करीब निवास करते हैं. गांव में कोई भी नेटवर्क सुविधा नहीं है, जिसके कारण वहां के लोग दूरसंचार के माध्यम से कोसों दूर हैं.
इस घटना की जानकारी लेने पहुंचे विधायक बंधु तिर्की ने बताया कि 12 जून शनिवार को लगभग सुबह 8:30 बजे इस तरह का हृदय विदारक घटना घटी है. यहां के 7 लोग राजेश सिंह, रघुनाथ सिंह, शुक्ल सिंह, दीनानाथ सिंह, गोविंद सिंह, ब्रह्मदेव सिंह गांव में हो रहे सरहुल त्यौहार में गांव के परंपरा के अनुसार पारंपरिक हथियार के साथ शिकार पर निकले हुए थे.
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इसी दरमियान कुछ दूरी पर तैनात सुरक्षाबलों की नजर सभी पर पड़ी. सुरक्षाबलों के द्वारा उन्हें उग्रवादी समझ फायरिंग शुरू कर दी गई. जिसे देखते हुए पांच व्यक्ति वहां से भागकर पास के घर में छुप गए और एक दिनानाथ सिंह पेड़ के पीछे छुप गया. ब्रह्मदेव सरेंडर करने को लेकर अपने हाथों को ऊपर उठा दिया, लेकिन सुरक्षाबलों के द्वारा इसे अनदेखी करते हुए उसके पैर पर गोली मारी गई.
जब गोली चलने की आवाज आयी तो ग्रामीण और उसकी मां मालती देवी बीच बचाव के लिए आकर सुरक्षाबलों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी. बोली कि यह मेरा बेटा है यह उग्रवादी नहीं है, इसे छोड़ दीजिए. लेकिन सुरक्षा बल के लोग इसकी एक भी ना सुने और वहां से उठाकर उसी गांव के ही नजदीक नाले के उस पार ले जाकर उसे और तीन गोली मार दिया.
इसके बाद सभी 5 लोगों को जोकि ब्रह्मदेव के साथ थे, उन्हें लेकर नजदीक के घर में खोजबीन करने पहुंचे. इस दरमियान भी सुरक्षाबल एवं ग्रामीणों के बीच काफी झड़प हुई.
मांडर विधायक ने कहा, क्योंकि पुलिस के पास इतना बड़ा खुफिया तंत्र और हर एक गांव में गुप्तचर होने के बावजूद भी प्रशासन को गलत इनपुट कैसे मिला. और एक भोले-भाले ग्रामीण पुलिस की गोली के हत्थे चढ़ गए. यह काफी निंदनीय है और बहुत ही दुख की बात है.
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विधायक ने कहा, इस घटना को लेकर सरकार से कार्रवाई की मांग करेंगे. इस घटना में जो मारे गए है उसके परिवार को आर्थिक मदद के रूप में विधायक ने 10,000 रुपये, 50 किलो चावल एवं अन्य खाद्य सामग्री दी. जिन परिवार के व्यक्ति इस घटना में जख्मी हुए उनके परिवारों को 3 हजार रुपए की आर्थिक मदद दिया.