Latehar: पुलिस की गोली का शिकार बने ब्रह्मदेव की पत्नी ने कोर्ट की शरण ली है. बीते 12 जून जिले के गारू थाना क्षेत्र के कुकू-पीरी जंगल में पुलिस की गोली से ब्रह्मदेव की मौत हो गई थी. इस मामले में मृतक ब्रह्मदेव की पत्नी जीरामणि देवी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार में लिखित आवेदन दिया है.
सुरक्षाबलों पर गोली चलाने का आरोप
जीरामणि देवी ने अपने आवेदन में कहा है कि 12 जून को गांव के कुछ लोग नेम सरहुल मनाने को लेकर शिकार के लिए निकले ही थे, कि उनपर जंगल किनारे से सुरक्षाबलों ने गोली चलानी शुरू कर दी. ग्रामीणों ने हाथ उठाकर कहा भी हम लोग माओवादी नहीं हम लोग ग्रामीण हैं, गोली ना चलाएं. हालांकि उनके पास पारंपरिक हथियार भरथुआ बंदूक था, जिसका इस्तेमाल छोटे-मोटे शिकार के लिए किया जाता है. परंतु उस वक्त उस हथियार का इस्तेमाल ग्रामीणों के द्वारा किया भी नहीं गया था. आरोप है कि, हाथ उठाने के बावजूद भी सुरक्षाबलों के द्वारा गोलियां चलती रहीं, जिसमें मेरे पति की मौत हो गई.
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वहीं ब्रह्मदेव सिंह समेत 6 ग्रामीण युवकों के विरुद्ध गारू थाना प्राथमिकी संख्या 24/2021 के अनुसार सुरक्षाबलों के पदाधिकारी व दल इस कार्रवाई में शामिल थे. कोबरा 203 कंपनी की एक टीम नंबर 11 के कमांडर सहायक समादेष्टा ए किरण कुमार और टीम नंबर 15 के कमांडर सहायक समादेष्टा राजपाल गुज्जर के नेतृत्व में और दूसरी टीम झारखंड जगुआर के एजी 22 का नेतृत्व सहायक समादेष्टा राजीव कुमार पुलिस उपाधीक्षक अरविंद कुमार और एजी 23 का नेतृत्व सहायक समादेष्टा धर्मेंद्र कुमार राय एवं पुलिस उपाधीक्षक प्रकाश सोए, पुलिस अवर निरीक्षक रूपलाल प्रसाद लातेहार थाना और पुलिस अवर निरीक्षक दिवाकर धोबी व अन्य 60 से 100 जवान शामिल थे. जबकि गारू थाना द्वारा दर्ज प्राथमिकी संख्या 24-6-21 में ब्रह्मदेव सिंह की हत्या का जिक्र तक नहीं किया गया है. इसमें केवल यह कहा गया है कि कार्रवाई के बाद सुरक्षाबलों द्वारा खोजबीन के दौरान मृत ब्रह्मदेव का शव जंगल किनारे मिला जो कि तथ्य से विपरीत है.
पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई
जीरामणि देवी ने कहा कि सुरक्षाबलों के द्वारा मेरे पति की हत्या मेरे व मेरे परिवार के सदस्यों और अन्य ग्रामीणों की आंखों के सामने हुई. मैंने 29 जून को गारू थाना में आवेदन देकर मेरे पति की हत्या के लिए जिम्मेदार सुरक्षाबलों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निवेदन किया था. आज तक पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, इस संबंध में एसपी को भी आवेदन दिया था.
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