Lagatar Desk : दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में डायनासोर के अंडों का घोंसला मिला है. जब वैज्ञानिकों ने इस घोंसले के अंदर देखा, तो इसमें जीवाश्म अंडे थे. वैज्ञानिकों के हाथ डायनासोर के वो अंडे लगे हैं, जिनमें से डायनासोर निकल सकते थे, लेकिन किन्हीं वजहों से अंडों से नये डायनासोर का जन्म नहीं हो पाया. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि, ये अंडे उन डायनासोर के हैं, जो करीब 6 करोड़ साल से 8 करोड़ साल के बीच शाकाहारी से मांसाहारी जीव में बदल गये होंगे. डायनासोर के घोंसले से वैज्ञानिकों को पांच अंडे मिले हैं, जो काफी अच्छी तरह से संरक्षित हैं.
वैज्ञानिक अब सोच में पड़ गये हैं कि क्या धरती पर एक दिन फिर से विशालकाय मांसाहारी जीवों का साम्राज्य कायम होने वाला है और क्या एक बार फिर से इंसान अपनी आंखों से डायनासोर को घूमते उसी तरह से देख सकते हैं, जिस तरह से चिड़ियाघर में हम शेर और बाघ जैसे जंगली जानवरों को देखने जाते हैं? हालांकि, वैज्ञानिक लुप्त हो चुके कुछ जीवों के डीएनए के आधार पर उन्हें फिर से ‘जिंदा करने की कोशिश प्रयोगशाला में कर रहे हैं, इस बीच डायनासोर के अंडों का घोंसला मिला है, जिसने धरती से लुप्त हो चुके इन जीवों को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है.
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अंडों को लेकर प्रयोगशाला में स्टडी की गयी
वैज्ञानिकों ने कहा है कि, जब उन्होंने अंडों के घोंसले की खोज की थी, तो उन्होंने सोचा कि, ये अंडे मगरमच्छ के हो सकते हैं, लेकिन जब उन अंडों को लेकर प्रयोगशाला में स्टडी किया गया, तो पता चला कि ये अंडे असल में विशालकाय मांसाहारी डायनासोर के हैं. डायनासोर के ये अंडे उस जगह पर मिले हैं, जो मगरमच्छ के अंडों, क्रोकोडाइलोमोर्फ से संबंधित जीवाश्म साइट माना जाता है. विलियम रॉबर्टो नवा के नेतृत्व में जीवाश्म विज्ञानियों की एक टीम द्वारा गहन विश्लेषण के बाद बताया गया है कि, ये अंडे डायनासोर के हैं और इन अंडों का खोल कोडाइलोमोर्फ की तुलना में छोटा था.
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जीव विज्ञानी विलियम रॉबर्टो ने की डायनासोर के अंडों की खोज
जीव विज्ञानी विलियम रॉबर्टो कई प्राचीन और दिलचस्प खोज कर चुके हैं. उन्होंने ही डायनासोर के इन अंडों की भी खोज की है और उन्होंने कहा कि, डायनासोर के ये अंडे चार से पांच इंच लंबे और दो से तीन इंच चौड़े हैं, जबकि प्राचीन मगरमच्छ के अंडे आमतौर पर तीन इंच से अधिक लंबे नहीं होते हैं. वैज्ञानिक विलियम रॉबर्टो ने कहा कि, ये अंडे ब्राजील के साओ पाउलो के अंदरूरी हिस्से मेंस्थिति प्रेसीडेंट प्रूडेंटे शहर में डायनासोर ने दिए होंगे और इन अंडों से डायनासोर ने जन्म नहीं लिया होगा और धीरे धीरे ये अंडे मिट्टी में दबकर संरक्षित हो गये और बलुआ पत्थर में बदल गये
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रेत की परतें ने अंडों की रक्षा की है
रॉबर्टो ने कहा कि, ये मैटेरियल एक तरह से प्राकृतिक रक्षक के तौर पर काम करती है, जो लाखों वर्षों में रेत की कई परतें बनाती है, जिन्होंने अंडों की रक्षा की है जब तक कि जीवाश्म विज्ञानियों ने हाल ही में उन्हें पिछले साल जमीन से नहीं निकाला था, ये इसी तरह से जमीन के अंदर दफ्न रहते. इस बात की भी संभावना जताई गयी है कि, इन पांच अंडों में से हो सकता है कि, किसी अंडे मेंडायनासोर का भ्रूण भी मौजूद हो. पिछसे साल दिसंबर में वैज्ञानिकों ने चीन में डायनासोर के अंडे के अंदर से भ्रूण मिलने के बाद बताया था कि, उन्होंने कम से कम 70 मिलियन वर्ष यानि करीब 7 करोड़ साल पहले के एकअसाधारण रूप से संरक्षित डायनासोर भ्रूण की खोज की है.
कैसे खत्म हुए डायनासोर!
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऐस्टरॉइड और डायनासोर केखत्म होने को लेकर चौंकाने वाला निष्कर्ष निकाला है. रिसर्च उस जगह पर किया गया है, जहां पर ऐस्टरॉइड की टक्कर पृथ्वी से हुई थी और ये जगह उत्तरी गोलार्ध में स्थिति है, जिसे तानिस जीवाश्मस्थल कहा जाता है. इस जगह पर हजारों जीवाश्म मिले थे और जिनके बारे में माना जाता है कि,उनकी मौत ऐस्टरॉइड के पृथ्वी से टकराने के बाद हुई थी.
6.6 करोड़ साल पहले की घटना
शोध में पता चला है कि, वन्यजीवों की मृत्यु 66 मिलियन वर्ष पहले युकाटन प्रायद्वीप में एक बड़ेऐस्टरॉइड के धरती पर टकराने के कुछ घंटे के अंदर हो गयी थी। इस जगह पर मछलियों के जीवाश्मका अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि, जिस वक्त पृथ्वी से ऐस्टरॉइड की टक्करहुई होगी, उस वक्त धरती पर बसंत ऋृतु खत्म हो रही थी और गर्मी की शुरूआत हो रही थी. ये जगह आज के मैक्सिको के पास है, जहां धरती के अंदर हजारों जीवाश्म दफ्न हैं और ये सभी के सभी जीवाश्म सिर्फ डायनासोर के ही नहीं हैं, बल्कि इनमें विशालकाय मछलियों के जीवाश्म भी दफ्न हैं,जिनके विश्लेषण से अद्भुत जानकारियां वैज्ञानिकों के हाथ लग रही हैं
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