Ranchi / Delhi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज पट्टा और शेल कंपनी से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान PIL के प्रार्थी के द्वारा डिस्चार्ज याचिका दाखिल कर अदालत को बताया कि उनके वकील फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं. जिसके बाद अदालत ने मौखिक रूप से इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को स्टेटस को (यथा स्थिति) बनाए रखने का निर्देश दिया. साथ ही SLP पर अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख़ मुकर्रर की है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दोनों याचिकाओं में हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें खनन के पट्टे देने में कथित अनियमितताओं का हवाला हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई थी.जिसे झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया था.
वरीय अधिवक्ता ने अपनी खराब तबियत का हवाला दिया
पिछली सुनवाई के दौरान इस केस की सुनवाई से पूर्व एक वरीय अधिवक्ता ने अपनी ख़राब तबियत का हवाला दिया था. अदालत से इस मामले की सुनवाई के लिए समय देने का आग्रह किया था. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर किया है.
झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका को सुनने योग्य बताया है
बता दें कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अपने 3 जून को दिए आदेश में कहा था कि याचिका सुनने योग्य है. हाईकोर्ट के इस आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं एक अन्य जनहित याचिका शेल कंपनी मामले को लेकर भी दायर है. जिसमें याचिका को अयोग्य करार दिया गया है.