Ranchi: 17 वर्षों से नियमावली नहीं बनने और किसी तरह का सेवा शर्त का निर्धारण नहीं होने से नाराज शिक्षा विभाग में अनुबंध पर कार्यरत BRP-CRP ने मंगलवार को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम किया. इस दौरान अनुबंध कर्मियों ने विधानसभा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा. अनुबंध कर्मियों का कहना है कि वे पिछले 2004-2005 से विभाग में अनुबंध पर कार्यरत हैं.
इनका मुख्य कार्य शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन व विद्यालयों का अनुश्रवण करना रहा है. पिछले 17 वर्षों से राज्य के सभी अनुबंध कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. जबकि देश के अन्य कई राज्यों में BRP-CRP को सम्मानजनक वेतन प्रदान की जाती है, साथ ही सेवा शर्त नियमावली बनायी गई है.
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सरकार के नकारात्मक जवाब से हताश और निराश हैं कर्मी
अनुबंध कर्मियों का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि सत्ता में आते ही राज्य में कार्यरत सभी प्रकार के अनुबंध कर्मियों को नियमितीकरण किया जाएगा. उन्हें वेतनमान दी जाएगी. लेकिन चालू बजट सत्र में विधायक द्वारा जब अनुबंधकर्मियों के नियमितीकरण के संबंध में सवाल पूछा गया तो सरकार के तरफ से नकारात्मक जवाब आया है. जिससे सभी कर्मी हताश और निराश हो गए हैं. जिसको लेकर राज्य के 3,000 बीआरपी/सीआरपी अपने भविष्य को चिंतित है.
BRP-CRP अनुबंध कर्मियों की प्रमुख मांगें
- 17 वर्षों से कार्यरत के सेवानिवृत्त करण एवं सेवा शर्त का नियमावली का निर्माण हो.
- शिक्षा विभाग के रिक्त पड़े पदों पर BRP-CRP को समायोजन में प्राथमिकता दी जाए.
- झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारिणी में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रशिक्षित BRP-CRP को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में 50% आरक्षण दी जाए.
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