Lucknow : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर तंज कसते हुए कहा कि देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी अनाज का मोहताज बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही संविधान बनाते समय बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने सोचा था. मायावती ने आंबेडकर के 67वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
06-12-2023-BSP Press Release-Glowing tribute to Baba Saheb Dr. Ambedkar on his parinirvan diwas pic.twitter.com/m3xR0qFfmt
— Mayawati (@Mayawati) December 6, 2023
डॉ. भीमराव आंबेडकर को परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये
लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित. उन्होंने इसी सिलसिले में एक अन्य पोस्ट में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर तंज करते हुए कहा, देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के लिए मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आजादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है.
3. देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।
— Mayawati (@Mayawati) December 6, 2023
महंगाई के कारण मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिंतनीय
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिंतनीय है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है. कोरोना वायरस महामारी के समय में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे गयी. इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने पांच किलोग्राम राशन मुफ्त दिया जाता है.