LagatarDesk : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आम बजट पेश किया. कोरोना महामारी के कारण दूसरी बार पेपरलेस बजट पेश किया गया. इस बार के बजट से देश के मिडिल क्लास को कई उम्मीदें थी. टैक्सपेयर्स बीते 8 सालों से टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन इस बार भी उन्हें टैक्स में कोई राहत नहीं मिली.
सीतारमण ने पढ़ा महाभारत का श्लोक
सीतारमण ने बताया कि आखिर टैक्स में राहत क्यों नहीं दी गयी है. निर्मला सीतारमण ने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 के श्लोक 11 को पढ़ते हुए अपनी बात समझाई. उन्होंने कहा-
दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥
यानी कि ‘राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए.’
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कर प्रणाली और अधिक होगी सरल
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान एवं मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए हमने प्रगति के पथ पर चलना जारी रखा है. इस बजट के प्रस्तावों का उद्देश्य स्थिर और जानी-पहचानी कर व्यवस्था की हमारी घोषित नीति पर कायम रहते हुए और अधिक ऐसे सुधारों को लाना है. जो एक विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने की हमारी संकल्पना को आगे बढ़ा सके. यह कर प्रणाली को और भी अधिक सरल बनायेगा, करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा.
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टैक्स में दो साल पुरानी गलतियों को ठीक कर सकेंगे टैक्सपेयर्स
वित्त मंत्री ने कर प्रणाली को लचीला बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि कुछ करदाताओं को यह महसूस हो सकता है कि उन्होंने कर अदायगी के लिए अपनी आमदनी का ठीक-ठीक आकलन करने में चूक या गलतियां की हैं. ऐसी गलतियों को सुधारने का मौका देने के लिए मैं अतिरिक्त कर की अदायगी करके अपडेटेड टैक्स स्टेटमेंट दाखिल करने के लिए करदाताओं को अनुमति देने के एक नये प्रावधान का प्रस्ताव कर रही हूं. अब करदाता 2 साल पुराने टैक्स रिटर्न में भी सुधार कर सकेंगे.
टैक्सपेयर्स का किया आभार व्यक्त
वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स का आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स ने जरूरत की इस घड़ी में सरकार के हाथों को मजबूत किया है. वित्तमंत्री ने कहा कि महाभारत के शांति अध्याय में कहा गया है कि राजा को लोगों के योगक्षेम के लिए उनके कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने महाभारत के शांति पर्व अध्याय का श्लोक पढ़ा. इसमें शांति, क्षमा और धर्म का संदेश दिया गया है.
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